sharad pawar

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    मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष और महाविकास आघाडी सरकार के किंगमेकर शरद पवार (Sharad Pawar) ने किराना स्टोर और सुपर मार्केट (Super Market) में वाइन (Wine) बेचने (Sell) के फैसले को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। इस बयान के बाद माना जा रहा है कि आघाडी सरकार इस फैसले को वापस ले सकती है। शरद पवार ने कहा कि सरकार के इस फैसले का चारों तरफ से विरोध हो रहा है। अगर इस विरोध को देखते हुए राज्य सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए वापस लेती है तो इसमें बुरा नहीं मानना चाहिए। 

    शरद पवार ने कहा कि दरअसल आम लोगों को वाइन और शराब के बीच के अंतर का सही से पता नहीं है। इसलिए इस फैसले को लेकर भ्रम की स्थिति खड़ी हो गई है। पवार ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार इस फैसले को वापस लेती है तो वह सवाल नहीं उठाएंगे। 

    बीजेपी कर रही कड़ा विरोध

    जानकारों के मुताबिक़, पवार ने इस बयान से माध्यम से अपना संकेत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक पहुंचा दिया है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि ठाकरे सरकार जल्द ही इस फैसले को वापस लेने का एलान कर सकती है। 27 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में ठाकरे सरकार ने किराना स्टोर और सुपर मार्केट में वाइन बेचने के फैसले पर मुहर लगाईं थी। सरकार के इस फैसले का राज्य की प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी कड़ा विरोध कर रही है।

    देवेन्द्र फडणवीस ने किया पवार का समर्थन

    नेता विपक्ष देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि शरद पवार के इस बयान से यह बात साफ हो गई है कि उन्हें भी यह लग रहा है कि राज्य सरकार ने इस फैसल को लेकर गलती की और इसे वापस लेने की जरुरत है। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने यह फैसला किसानों के लाभ के लिए नहीं, बल्कि कुछ चंद उद्योगपतियों की जेब को भरने के लिए लिया है। देवेंद्र ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि हम महाराष्ट्र को किसी भी कीमत पर मद्यराष्ट्र नहीं बनने देंगे।

    आघाडी के कई नेताओं का समर्थन

    राज्य की आघाडी सरकार में शामिल कई नेताओं ने किराना स्टोर व सुपर मार्केट में वाइन बेचने के फैसले का समर्थन किया है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि शराब व वाइन में जमीन-आसमान का फर्क है। ऐसे में बीजेपी को इस फैसले का विरोध नहीं करना चाहिए। जबकि शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि यह फैसला किसानों के हितों को ध्यान में रख कर लिया गया है। उनका मानना है कि इससे फलों का उत्पादन करने वाले किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। हालांकि अब शरद पवार के एतराज के बाद मामला पलट गया है।    

    भाजपा में ‘पीने’ वालों की संख्या ज्यादा  

    एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा में पीने वालों की संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के अलावा, गोवा और  हिमाचल प्रदेश की सरकार ने ऐसा ही फैसला लिया था, लेकिन तब बीजेपी ने विरोध नहीं किया। मलिक ने सवाल किया है कि बीजेपी के जिन नेताओं को वाइन बनाने का लाइसेंस मिला है, क्या वह उसे लौटाएंगे। उन्होंने कहा कि वाहन बेचने को लेकर बीजेपी का इतना विरोध है तो उनके नेताओं को न पीने की शपथ भी लेनी चाहिए।