Girish Mahajan and Eknath Khadse

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मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधान पार्षद एकनाथ खडसे ने संकट के दौरान मदद करने के लिए पार्टी प्रमुख शरद पवार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि वह अगले 15 दिनों में अपने मूल संगठन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। वरिष्ठ नेता खडसे को भूमि सौदे के एक मामले के कारण 2016 में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट से मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

एक समय महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक खडसे को लगभग पांच साल के लिए राजनीतिक रूप से हाशिये पर धकेल दिया गया था। इसके बाद वह 2020 में राकांपा (अविभाजित) में आए और इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के साथ उनका 40 सालों का रिश्ता खत्म कर दिया।

रविवार को पत्रकारों से खडसे ने कहा, “मैंने भाजपा में वापस जाने का फैसला किया है क्योंकि यह मेरा घर है। मैंने चार दशकों तक पार्टी की सेवा की है। मैं शरद पवार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने संकट के दौरान मेरी मदद की।”

उन्होंने कहा, “मैंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे नेताओं से बात की है। मैं अगले 15 दिनों में नयी दिल्ली में पार्टी में शामिल होऊंगा। फोन आने के बाद मैं दिल्ली जाऊंगा।”

पिछले साल, जब अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा विभाजित हो गई, तब खडसे ने शरद पवार के साथ रहने को प्राथमिकता दी थी। रविवार को राज्य के मंत्री और भाजपा नेता गिरीश महाजन ने अपने पूर्व सहयोगी खडसे को “बुझा हुआ चिराग” करार दिया।

महाजन ने संवाददाताओं से कहा, “वह बुझे हुए दीपक के समान है। एक ग्राम पंचायत भी उनके हाथ में नहीं है। वह एक बैंक को नियंत्रित करते थे, लेकिन निदेशक मंडल भी बदल गया है, और नए बोर्ड सदस्य उनकी बात नहीं सुनते हैं। उनके निर्णय को इतना महत्व क्यों दिया जाए?” जलगांव जिले में खडसे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे महाजन ने कहा कि उनकी (खडसे की) पत्नी और बेटी अतीत में चुनाव हार चुकी हैं।