Eknath Shinde and Jarange Patil Virtual Meeting, Maratha Reservation, Eknath Shinde, Jarange Patil, Virtual Meeting, Shinde Jarange Meeting

Loading

  • 20 को आंदोलन पर अड़े जरांगे 
  • बोले, अधिकारी नहीं कर रहे काम
  • आन्दोलनकारियों के खिलफ दर्ज मामले वापस हो

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई/जालना: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मंगलवार को सह्याद्रि गेस्ट हाउस में मराठा उपसमिति के साथ बैठक के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Virtual Meeting) के जरिए मराठा नेता मनोज जरांगे (Jarange Patil) के साथ सीधी बात की। इस दौरान दोनों के बीच तीखा संवाद हुआ। जरांगे ने आरोप लगाया कि अधिकारी कुनबी दाखिला का पता लगाने के लिए ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी काम कर रहे हैं। लेकिन, कनिष्ठ अधिकारी रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराते हैं। पाटिल ने सीधे मुख्यमंत्री  शिंदे से पूछा कि उस समिति का क्या उपयोग है। इसके बाद सीएम ने पूछा कि उन अधिकारियों के नाम बताएं। हम एक्शन लेंगे। जरांगे ने कहा कि हमें यह आश्वासन दिया गया कि मराठा आंदोलन (Maratha Reservation) करने वालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। लेकिन उसे पूरा क्यों नहीं किया गया। जरांगे ने सीएम को उन चार वचनों को लेकर भी सवाल किए, उन्होंने यह भी कहा कि सगेसोयरे शब्द को सरकार ने गलत तरीके से लिया है। 

मुंबई आने पर अड़े
जरांगे पाटिल ने कहा कि मैं मुंबई आंदोलन के लिए नहीं आना चाहता हूं लेकिन यदि मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई तो 20 जनवरी को मुंबई के आंदोलन के लिए आना ही पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि अगर इस तारीख से पहले आरक्षण की मांग पूरी हो जाती है तो हम लोग भी अयोध्या जाकर राम लला का दर्शन करेंगे। 

आपके आश्वासन पर तोड़ा अनशन
जरांगे ने सीएम शिंदे ने कहा कि मैंने आपके द्वारा दिए गए आश्वासन पर अनशन तोड़ा था। सरकार के डेलिगेशन में पूर्व जस्टिस, मंत्री, अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल थे। आपको एक बार फिर उन चीजों की याद दिलाता हूं जो उस समय तय किया गया था कि जिन मराठा परिवारों के पास पूरे दस्तावेज हैं। उन्हें कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्णय लिया गया। लेकिन अब रिश्तेदारों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिस व्यक्ति का रिकॉर्ड मिले उसके पूरे परिवार को आरक्षण दिया जाए। 

पूरे रिकॉर्ड की जांच नहीं
जरांगे ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर के कालाराम मंदिर से लेकर राजस्थान में भट्ट के हजारों साक्ष्य को रिकॉर्ड में लिया जाना चाहि। अकेले बीड जिले में ही 17 हजार से ज्यादा रिकॉर्ड हैं। लातूर में 904 गांवों में से केवल 33 की जांच की गई है। धाराशिव में 622 गांवों में से केवल 57 की जांच की गई है, छत्रपति संभाजीनगर में 1352 में से एक की भी जांच नहीं की गई है। 

हमें आरक्षण कैसे मिलेगा
जरांगे पाटिल ने सीएम शिंदे से सीधा सवाल किया कि आखिर हमें आरक्षण कैसे मिलेगा। उन्होंने आरक्षण देने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी मांगी। 

अधिकारियों के नाम बताएं
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे की शिकायत पर संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि हमें उन अधिकारियों के नाम उपलब्ध कराएं जो सही काम नहीं कर रहे हैं। हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे मराठवाड़ा में सभी गांवों के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दे दिए हैं। शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं। उन्होंने जरांगे को विश्वास दिलाया कि वे आरक्षण दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और उन्हें आपना आंदोलन वापस लेने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए।