Anil Parab
अनिल परब (Photo Credits-ANI Twitter)

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    नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) से आ रही सुबह कि एक बड़ी के अनुसार,  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब (Anil Parab) के पुणे (Pune) और मुंबई (Mumbai) में करीब 7 ठिकानों पर छापेमारी की है। फिलहाल यह छापेमारी अपने उफान पर है।

    क्या है पूरा माजरा 

    दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रत्नागिरि जिले के तटीय दापोली इलाके में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं और अन्य आरोपों को लेकर महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत राज्य में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर छापे मारे।

    संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है, जिसके बाद दापोली, मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित परब (57) राज्य के परिवहन मंत्री हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है।

    आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया। आयकर विभाग की जांच में पहले कहा गया था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में छह करोड़ रुपए नकद खर्च किए गए थे। 

    पहले भी पड़ी थी रेड 

    गौरतलब है कि इस पहले बीते 8 मार्च 2022 के महीने में भी शिवसेना के नेता मंत्री आदित्‍य ठाकरे (ministers Aaditya Thackeray) और मंत्री अनिल परब (Anil Parab) के कई करीबियों पर इनकम टैक्‍स विभाग (Income Tax Department) ने छापे की कार्रवाई की थी। तब मुंबई और पुणे में आईटी की रेड (IT raids) शिवसेना नेताओं के करीबियों पर चल रही थी। 

    वहीं, तब इस कार्रवाई को लेकर शिवसेना के राज्‍यसभा सदस्‍य संजय राउत ने केंद्रीय एजेंसियों पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे। राउत ने दावा करते हुए चेताया था कि, मुंबई पुलिस, ED अधिकारियों की सांठगांठ से आपराधिक सिंडिकेट और रंगदारी रैकेट की जांच शुरू करेगी।

    बता दें कि इस पहले भी करीब 8 महीने पहले यानी बीते 2021को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए थे। 

    सचिन वाझे ने परब पर लगाए थे गंभीर आरोप

    पता हो कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे द्वारा NIA को एक चिट्ठी भेजी गई थी, इसमें अनिल देशमुख के अलावा मंत्री अनिल परब पर भी अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने का आरोप उसने लगाया गया था। वाझे ने NIA को लिखी चिट्ठी में दावा किया था कि अनिल परब ने ही उनसे ठेकेदारों से पैसे उगाहने के लिए साफ़ तौर पर कहा था।