मुंबई, महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने आज आरोप लगाया कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य के सूचना एवं प्रचार विभाग में 500 करोड़ रुपये का एक घोटाला हुआ था। पवार ने दावा किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री (फडणवीस) की मंजूरी के बिना 2019 में सरकारी अधिकारियों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के मीडिया विज्ञापनों के लिए मंजूरी दी।
उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से घोटाले में शामिल अधिकारियों को दंडित करने की मांग की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता पवार ने विधानसभा में कहा कि अधिकारियों ने फाइल में जिक्र किया था कि मुख्यमंत्री को विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए 500 करोड़ रुपये के खर्च के बारे में सूचित किया गया लेकिन वास्तव में उनसे मंजूरी नहीं ली गई थी। महाराष्ट्र में 2014-19 के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना (अविभाजित) की गठबंधन सरकार थी और फडणवीस मुख्यमंत्री थे।
पवार ने कहा, ‘‘ऐसे दोषियों को निलंबित कर दंडित किया जाना चाहिए। मीडिया विज्ञापनों के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी आवश्यक है। इस मामले में, चुनावी वर्ष 2019 के दौरान मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना 500 करोड़ रुपये से अधिक के विज्ञापनों को मंजूरी दी गई थी।” बृजेश सिंह 2019 में सूचना और प्रचार विभाग के महानिदेशक थे। पवार ने सिंह का नाम लिए बिना कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में हुई जांच ने तत्कालीन प्रमुख सचिव (सामाजिक न्याय) और सूचना एवं प्रचार विभाग के महानिदेशक को अभ्यारोपित किया, जो अभी मुख्य सचिव के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय में हैं।
गौरतलब है कि आज महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एकनाथ शिंदे सरकार का पहला बजट बृहस्पतिवार को पेश किया।फडणवीस ने कहा कि बजट में किसानों के लिए प्रावधान को बढ़ाकर 6,900 करोड़ रुपये किया गया है और स्वास्थ्य बीमा योजना ‘महात्मा फुले जन आरोग्य योजना’ के दायरे को बढ़ाया गया है।
इसे 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। शिंदे नीत सरकार का गठन जून 2022 में हुआ था। विधान परिषद में बजट प्रस्ताव राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने पढ़ा।