Free Kashmir board case against Mahek Mirza Prabhu may be discontinued, C Summary report filed by Colaba Police

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मुंबई: मुंबई (Mumbai) में ‘फ्री कश्मीर’ (Free Kashmir) का बोर्ड (Board) लेकर एंटी सीएए प्रोटेस्ट (Anti CAA Protest) में शामिल होने वाली महक मिर्जा प्रभु (Mahek Mirza Prabhu) और अन्य पर जो आरोप लगे थे वे सही नहीं पाए गए हैं। मुंबई के एक कोर्ट (Court) में कोलाबा पुलिस (Colaba Police) ने इस मामले में ‘सी समरी’ रिपोर्ट (C Summary Report) दाखिल कर दी है। जिसका मतलब है कि आरोप साबित नहीं हो पाए हैं।  

दरअसल, गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) पर आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान के दौरान 7 जनवरी को ‘फ्री कश्मीर’ का बोर्ड लेकर प्रोटेस्ट में शामिल होने के बाद कोलाबा पुलिस में एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी। एफआईआर आईपीसी की धारा 153A और153B के तहत दर्ज की गई थी। इन धाराओं के तहत किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरुद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना आदि कानूनी अपराध है और इसके लिए 5 वर्ष तक की सजा हो सकती है।  

एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलाबा पुलिस ने कहा कि महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए हैं। सोमवार को पुलिस ने 36 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिनमें ज्यादातर वकील, कार्यकर्ता, छात्र, कलाकार और शिक्षाविद शामिल थे। 36 आरोपियों में से 29 अदालत में पेश हुए और 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर इन्हें जमानत दी गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को की जाएगी। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने के बावजूद इन लोगों ने प्रदर्शन किया। 

बीजेपी का महाराष्ट्र सरकार पर निशाना 

मामले में सी समरी रिपोर्ट दाखिल करने पर बीजेपी (BJP) ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता राम कदम (Ram Kadam) ने कहा है कि, “कोई भी अगर देश को तोड़ने की बात करे, तो उसका  कोई समर्थन नहीं कर सकता। वे देशद्रोही है, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ऐसे लोगों के मुखादमे ख़त्म कर रही है। देश तोड़ने की बात अगर सामने आती है तो उसके खिलाफ पूरा देश एक जुट होकर खड़ा है। ऐसा होने के बावजूद महाराष्ट्र की सरकार अगर मुक़दमे ख़त्म करती है तो देश उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।