- वनविभाग की यंत्रणा सक्रिय
गड़चिरोली. बिते एक सप्ताह से जिले के सिमा से सटकर होनेवाले छत्तीसगड़ राज्य के मानपुर परिसर में नजर आनेवाले जंगली हाथियों का झुंड़ आने का भय व्यक्त किया जा रहा था. ऐसे में हाथियों के झुंड ने अंतत: जिले में प्रवेश करते हुए कोरची तहसील के टिपागड़ परिसर में दस्तक दी है. 22 से 24 की संख्या में होनेवाले इन हाथियों के झुंड ने जिले के नागरिकों की फिर एक बार धड़कने तेज की है. हाथियों के प्रवेश के मद्देनजर वनविभाग की यंत्रणा भी सतर्क हुई है.
बिते वर्ष अक्टूंबर माह में छत्तीसगड राज्य से 30 से 35 की संख्या में होनेवाले हाथियों के झुंडे ने कोरची तहसील से धानोरा तहसील के मुरुमगाव वनपरिक्षेत्र में प्रवेश किया था. इस दौरान हाथियों के झुंड ने खेत में लहराती फसलों को अपने पैरों तले रौंदकर उत्पात मचाया था. अनेक मकानों को नेस्तनाबुत कर काफी नुकसान किया था. वहीं धानोरा तहसील के कन्हारटोला निवासी एक व्यक्ति को गंभीर घायल किया था. जिससे मुरुमगांव परिसर के नागरिक, किसान दहशत में आए थे.
यहां करीब एक से डेढ़ माह निवास करने के पश्चात कुरखेडा, देसाईगंज तहसील में भी उत्पात मचाया. यहां से यह हाथी मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र में आकर टिपागड मार्ग से छत्तीसगड राज्य में वापिस लौटे. इस बिच एक सप्ताह से समिपी छत्तीसगड़ राज्य के मानपुर परिसर में इन जंगली हाथियों की हलचले दिखाई दी थी. जिससे यह जंगली हाथी फिर से गड़चिरोली जिले में प्रवेश करेंगे क्या? ऐसा भय व्यक्त किया जा रहा था. अंतत: आज शनिवार को सुबह के दौरान कोरची तहसील के टिपागड परिसर के ग्यारापत्ती-भिकनखोजी जंगल परिसर में 22 से 24 की संख्या में होनेवाले जंगली हाथियों ने प्रवेश किया. जंगली हाथियों के प्रवेश की जानकारी मिलते ही मुरुमगांव वनपरिक्षेत्र के वनविभाग की यंत्रणा फिर से सक्रीय हुई है.
क्षतिग्रस्त घरों के नुकसान मुआवजे की प्रतिक्षा
उस समय जंगली हाथियों का सर्वाधिक फटका मुरुमगाव वनपरिक्षेत्र के फुलकोडो, दराची, आंबेझरी, भोजगाठा, केरम-यान, कवडीकसा, इरुपधोडरी, कन्हारटोला, मुज्यालगोंदी व टवेटोला के नागरिकों को अधिक लगा था. वहीं कुरखेडा व देसाईगंज तहसील में भी कुछ किसानों के फसलों का नुकसान हुआ था. वनविभाग ने नुकसान के पंचनामे कर संबंधितों को वित्तीय मदद भी दी थी. किंतू मकानों का नुकसान हुए पिडीतों को अब भी मदद की प्रतिक्षा कायम है.
जंगली हाथियों का ‘सेमरुट’ सफर
बिते वर्ष जंगली हाथियों ने छत्तीसगड़ राज्य से टिपागड़ मार्ग से मुरुमगाव वनपरिक्षेत्र में प्रवेश किया था. यहां एक से डेढ़ माह रहकर बाद में कुरखेडा, देसाईगंज तहसील में सफर किया था. इसके बाद वापसी का मार्ग पकड़ते हुए हाथी फिर से मुरुमगाव परिक्षेत्र में प्रवेश करते हुए टिपागड मार्ग से छत्तीसगड़ राज्य में गए. अब इसी मार्ग से आने से जंगली हाथियों का ‘सेमरुट’ पर सफर करने की बात कहीं जा रही है.
पश्चिम बंगाल के हुर्रा गैंग को बुलाया जाएगा
छत्तीसगड़ सीमा से 22 से 24 की संख्या में होनेवाले जंगली हाथियों ने मुरुमगाव वनपरिक्षेत्र में प्रवेश किया है. जिससे वनविभाग की यंत्रणा सक्रिय हुई है. मुरुमगाव वनपरिक्षेत्रऋ का दस्ता हाथियों के हलचलों पर निगाहें बना रखा हुआ है. पश्चिम बंगाल के हुर्रा गैंग को बुलाया जानेवाला है. बिता अनुभव ध्यान में लेते हुए जंगली हाथियों को परेशान करने का प्रयास नागरिक न करे तथा परिसर के नागरिक विशेष सतर्कता बरते, वनविभाग प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है.
ए. के. भडांगे, वनपरिक्षेत्राधिकारी, मुरुमगाव