Leopard caught by forest department in Maharashtra after mounting attacks
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    गड़चिरोली. चामोर्शी तहसील के मार्कंडा (कं) वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले गांवों में पिछले कुछ महिनों से दहशत मचाकर लोगों की जान लेनेवाले तेंदुए को पकडऩे की मांग परिसर के नागरिकों द्वारा की जा रही थी. इसी बीच मामले की गंभीरता समझते हुए वनविभाग ने नरभक्षी तेंदूए को पकडऩे की अनुमति वरिष्ठ स्तर से मांगी थी.

    वरिष्ठ स्तर द्वारा तेंदुए को पकडऩे की अनुमति मिलने के बाद वनविभाग ने तेंदुए को पकडऩे के लिये करीब 3 पिंजरे लगाए थे. साथ ही 10 से 12 टै्रप कैमेरे भी जंगल लगाए गए थे. वनविभाग के उचित नियोजन और तत्परता के चलते आखिरकार नरभक्षी तेंदूए को पकडऩे के लिये वनविभाग को सफलता मिली है. बता दे कि, तीन दिन पहले वनविभाग को आष्टी समीपस्थ तेंदूआ होने की जानकारी मिलते ही वनकर्मचारियों ने जाल बिछाकर तेंदुए को पकड़ लिया. जिससे आष्टी समेत परिसर के गांवों के नागरिकों ने राहत की सांस ली है.

     तेदुए ने 5 लोगों पर किया था हमला

    तेंदुआ पहले मवेशियों का शिकार कर रहा था. लेकिन अब तेंदुआ नरभक्षी बनकर मनूष्यहानि कर रहा है. आष्टी क्षेत्र में अब तक तेंदूए ने पांच लोगों पर हमला किया है. जिनमें दो बालकों का समावेश है. इससे पहले आष्टी पेपरमिल परिसर में एक 8 वर्षिय बालक पर तेंदुए ने हमला किया. जिसमें बालक गंभीर रूप से घायल हो गये.

    वहीं दुसरी घटना मार्कंडा (कं) जंगल में घटी. जहां तेंदूए ने चरवाह बालक पर हमला कर उसकी जान ली. इसके बाद आष्टी पेपरमिल कॉलोनी में अपने घर के प्रांगण में बर्तन धो रही महिला पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल किया है. वहीं अन्य एक घटना समेत 1 अक्टूबर को खेत समीपस्थ जंगल में गये किसान पर तेंदुए ने हमला किया. जिसमें किसान की मृत्यु हो गयी. इसके अलावा तेंदुए ने अनेक बकरी और मवेशियों को अपना निवाला बनाया था.

    अनुमति के तिसरे ही दिन पकड़ा गया तेंदुआ

    आष्टी, इल्लुर समेत परिसर के गांवों में तेंदूए की दहशत निर्माण होने के बाद परिसर के नागरिक नरभक्षी तेंदुए को पकडऩे की मांग करने लगे. वहीं अनेक राजनितिक दल और सामाजिक संगठनों ने आंदोलन करने की चेतावनी भी दी थी. इस दौरान ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वनविभाग ने वरिष्ठ स्तर से तेंदूए को पकडऩे की अनुमति मांगी थी. वहीं वरिष्ठ स्तर से भी तेंदूए को पकडऩे की अनुमति मिली. बता दे कि, अनुमति मिलने के तिसरे ही दिन वनविभाग को नरभक्षी तेंदूए को पकडऩे को सफलता मिली है. जिसके कारण अब आष्टी क्षेत्र के नागरिक तेंदुए के दहशत से मुक्त हो गये है.

    तेंदुए को गोरेवाड़ा रेस्क्यु सेंटर में भेजने का भिजवाया प्रस्ताव: राऊत

    मार्कंड़ा की वनपरिक्षेत्राधिकारी भारती राऊत ने बताया कि, नागरिकों की मांग के बाद नरभक्षी तेंदुए को पकडऩे के लिये वरिष्ठ स्तर से अनुमति मांगी गई थी. तेंदुए को पकडऩे की अनुमति मिलने के तिसरे ही दिन तेंदुआ पकड़ा गया. लेकिन तेंदुए को कहां रखे, यह समस्या है. तेंदूए को जंगल में छोडऩा उचित नहीं होगा. जिससे उसे नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यु सेंटर में भिजवाने का प्रस्ताव वरिष्ठ स्तर पर भिजवाया है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही तेंदूए को गोरेवाडा रेस्क्यु सेंटर में भिजवाया जाएगा. ऐसी जानकारी उन्होंने दी.