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    गडचिरोली. गड़चिरोली जिले में नरभक्षी बाघ द्वारा मवेशी समेत लोगों की जाने लेने का सिलसिला यह वर्ष 2019 से शुरू हो गया है. गड़चिरोली और वड़सा वनविभाग में नरभक्षी बाघ ने अब तक 36 लोगों की जाने ली है. जिसके कारण संबंधित दो वनविभाग के नागरिकों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. वर्तमान स्थिति में भी बाघ की दहशत कायम होकर हर सप्ताह अथवा हर माह में नरभक्षी बाघ किसी न किसी व्यक्ति को अपना निवाला बना रहा है.

    एक की दिन पहले गड़चिरोली जिला मुख्यालय समीपस्थ बोदली गांव के जंगल में मवेशियां चराने गए एक वृध्द व्यक्ति को नरभक्षी बाघ ने अपना निवाला बनाया है. इन सभी घटनाओं के मद्देनजर वनविभाग पुरी तरह अलर्ट होकर नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये जद्दोजहद की जा रही है. हालांकि वनविभाग ने अब तक दो बाघों को पकड़ा है. लेकिन नरभक्षी बाघ फिलहाल वनविभाग के नजर मेंं नहीं आया है. नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये वनविभाग हरसंभव प्रसाय कर रहा है. वहीं दुसरी ओर दहशत के साये में जी रहे लोगों ने तत्काल बाघ को पड़कने की मांग की है.

    दो वनविभाग में 35 ट्रैप कैमेरे 

    पिछले दो वर्षो से गड़चिरोली व वड़सा वनविभाग में बाघों की दहशत कायम है. वहीं इन वनविभाग में ही सर्वाधिक लोगों ने बाघों के हमले में अपनी जान गवायी है. जिसके मद़देनजर वनविभाग द्वारा गड़चिरोली व वड़सा वनविभाग में करीब 35 टै्रप कैमेरे लगाए है. जिसके जरिये नरभक्षी बाघ को पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है.  विशेषत: कुछ माह पहले वनविभाग ने नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये ताड़ोबा और नागझिरा से शार्पसुटर की टिम बुलाए थे. लेकिन संबंधित टिमों को भी सफलता नहीं मिली है. अब ट्रैप कैमेरे के माध्यम से बाघों पर नजर रखी जा रही है.

    निरंतर की जा रही जनजागृति 

    गड़चिरोली व वड़सा वनविभाग में नरभक्षी बाघ की दहशत है, ऐसे स्थिति में लोग जंगल में न जाए, विशेषत: बाघ बाधित क्षेत्र में कोई भी न जाए, ऐसा आहवान करनेवाले फलक वनविभाग द्वारा जगह-जगह पर लगाए गए है. वर्तमान स्थिति मेंं बारिश का मौसम शुरू होकर जंगल पुरी तरह हरा-भरा हो गया है. ऐसे में जंगल में बाघ को हमला करना अधिक आसान हो गया है. जिसके कारण नागरिक मवेशी चराने अथवा जंगल में रानभाजी लाने के लिये न जाए, ऐसी बात भी वनविभाग के अधिकारियों ने कही है. 

    अब तक पकड़े दो बाघ: डा. मानकर 

    गड़चिरोली वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक डा. किशोर मानकर ने बताया कि, बाघ बाधित क्षेत्र में लोग न जाए, इसलिये वनविभाग द्वारा निरंतर लोगों में जनजागृति की जा रही है. इसी बीच वनविभाग ने अब तक दो बाघों को पकड़ा है. जिनमें एक छोटे बाघ का समावेश है. संबंधित वनविभाग के जंगल क्षेत्र में 35 ट्रैप कैमेरे लगाए गए है.  जिसके माध्यम से बाघों नजर रखी जा रही है. वहीं नरभक्षी बाघ की पहचान होने पर उसे पकडऩे संदर्भ में वरिष्ठ स्तर पर प्रस्ताव भिजवाना पड़ता है. ऐसी बात उन्होंने कही.