भामरागड. आधुनिक समय में मेट्रो, बुलेट ट्रेन, इलेक्ट्रिक बस के कारण नागरिकों को यातायात के लिए उचे दर्जे की सेवा सेवा प्राप्त हुई है. किंतु जिले के अंतिम छोर पर बसे भामरागड तहसील के अतिसंवेदनशील, आदिवासी बहूल गांव में यातायात की कोई सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों का सफर संघर्षमय बना था. ग्रामीणों की यह समस्या ध्यान में लेते हुए लाहेरी उपपुलिस के प्रयास से गांव के हर परिवार को साईकिल भेट दी गई. जिससे अब ग्रामीणों का पैदल सफर थमनेवाला है.
लाहेरी उपपुलिस थाना अंतर्गत नक्सल प्रभावित, संवेदनशिल कुमणार गांव के ग्रामीणों को स्वाधिनता के अमृत महोत्सव में भी यातायात व अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं मिली है. इस गांव से आवागमन करने हेतु कोई यातायात सेवा उपलब्ध नहीं होने की सुध लाहेरी पुलिस ने लेकर यहां के दुर्लक्षित नागरिकों का जिम्मा अपने खंदो पर लिया. ग्रामीणें को शहर से जोडने व उनके अधिकार दिलाने का संकल्प लेकर पूर्ण किया. नववर्ष के मद्देनजर लाहेरी पुलिस थाने में आयोजित नवसंकल्प सम्मेलन में पुलिस उपनिरीक्षक विजय सपकाल ने स्वयं के खर्च से लाए 8 साईकिले गांव के परिवार को वितरित किए.
इस समय उपपुलिस थाना लाहेरी के प्रभारी अधिकारी भालेराव, सचिन सरकेट, पुलिस उपनिरीक्षक संतोष काजले, पुलिस उपनिरीक्षक प्रशांत डगवार, पुलिस उपनिरीक्षक विजय सपकाल, लाहेरी के सरपंच राजेश्वरी बोगामी, गणेश गोटा, बालू बोगामी उपस्थित थे. इस समय सरकार के विभिन्न येाजनाओं की जानकारी नागरिकों को देते हुए इन योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया गया. पुलिस दादालोरा खिडकी अंतर्गत नागरिकों का वित्तीय, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, सक्षमीकरण करने का आश्वासन दिया गया. कार्यक्रम की सफलता हेतु लाहेरी उपपुलिस थाने के पुलिस अधिकारी, अंमलदार, एसआरपीएफ के अधिकारी, अंमलदारों ने प्रयास किया.
आगे भी गांव के विकास के लिए जारी रहेगा प्रयास-सपकाल
महाराष्ट्र के राजस्व नक्शे पर कुमणार गांव कहीं भी नहीं है. वहां के लोगो की स्थिती देखकर मुझे सामाजिक जिम्मेदारी के तौर पर अपनापन महसूस हुआ. जिससे मैने गांव गोद लेकर राज्य सरकार की विभिन्न येाजना चलाने का निर्णय लिया. जिसके तहत विभिन्न योजना चलाकर अधिक से अधिक लोगो को इसका लाभ दिलाने का प्रयास किया.
वहीं कुमणार गांव के छोटे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने हेतु लाहेरी के स्कूल में प्रवेश देकर निवास व भोजन की व्यवस्था की. कुमनार गांव यह लाहेरी से 18 से 20 किमी दूरी पर होने के कारण उनके पास यातायात की कोई सुविधा नहीं है. जिससे मै व सहयोगियों के मदद से एक परिवार को 1 के तहत साईकिल वितरित किए. आगे भी गांव के विकास के लिए प्रयास जारी रहेगा, ऐसी बात पुलिस उपनिरीक्षक विजय सपकाल ने कहीं.