देश का दुसरा महाकुंभ पुष्कर मेले का समापन, लाखों श्रध्दालुओं ने दर्शायी उपस्थिति

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    सिरोंचा. सिरोंचा तहसील के प्राणहिता नदी तट पर गत 13 अपै्रल से देश के दुसरे महाकुंभ के रूप में पहचाने जानेवाले पुष्कर मेले का आयोजन किया गया था. विशेषत: यह मेला हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है. गत 12 दिनों तक चले इस मेले में महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों के लाखों की संख्या में श्रध्दालु आए थे. यहां पर श्रध्दालुओं ने प्रवित्र स्नान कर पुजा-अर्चना की.

    मेले की कालावधि में यहां पर आनेवाले श्रध्दालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसलिये जिला प्रशासन द्वारा सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी. विशेषत: किसी भी तरह की अनुचित घटना न घटे, इसलिये मेले में पुलिस चौकी निर्माण करने समेत पुलिस अधिकारी और जवानों को तैनात किया था. गत 12 दिनों तक प्राणहिता नदी तट पर धार्मिक वातावरण दिखाई दिया था. 

     

    शाम 7 बजे गंगा आरती कर मेले का समापन 

    प्रत्येक 12 में एक बार आयोजित होनेवाले इस पुष्कर मेले को काफी महत्व है. विशेषत: दक्षिण गड़चिरोली समेत पड़ोसी राज्यों के श्रध्दालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. जिस कारण 12 वर्ष में एक बार आयोजित होनेवाले पुष्कर मेले में लाखों की संख्या में श्रध्दालु आकर तथा प्रवित्र स्नान कर पुर्जा-अर्चना करते है. पिछले 12 दिनों तक निरंतर श्रध्दालुओं की संख्या बढ़ती रही. इसी बीच रविवार को मेले के आखिरी दिन शाम 7 बजे के दौरान गंगा पुजन कर मेले का समापन किया गया. गंगा आरती में भी बड़ी संख्या में श्रध्दालु उपस्थित हुए थे.

    इन राज्यों से पहुंचे थे श्रध्दालु 

    गत 12 दिनों से प्राणहिता नदी तट पर आयोजित पुष्कर मेले में लाखों श्रध्दालुओं उपस्थिति दर्शायी थी. इस मेले की शुरूआत राज्य के नगर विकास मंत्री तथा जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों पुजा कर की गई. इस कालावधि में पुष्कर मेले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सांसद अशोक  नेते, पूर्व राज्यमंत्री अम्ब्रीशराव आत्राम, विधायक डा. देवराव होली  समेत अन्य मान्यवर पहुंचे थे.

    विशेषत: इस बार विदेश से एक युवक पुष्कर यात्रा में पहुंचा. इसके साथ ही महाराष्ट्र समेत आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, तामिलनाडु, केरला राज्य से भी लाखों की संख्या में श्रध्दालु पहुंचे थे. वहीं मेले के आखरी दिन तामिलनाडु के धर्मपुरम अधिनाम मठ से मासिलामणि देसिगा ज्ञानसंबंदा परमचार्य स्वामीगल पुष्कर मेले में पहुंचकर स्नान किया.