Rajratna Ambedkar

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गड़चिरोली. महामानव डा. बाबासाहेब आंबेडकर ने हमें गौतम बुद्ध के धम्म की दीक्षा दी है. जिससे आज हम पुराने जाति के नाम से दलित इस शब्द में फंसे न रहते हुए विश्व में बौद्ध के रूप में पहचान बनाएं, ऐसा कथन दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजरत्न आंबेडकर ने किया. दी बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया ग्रामशाखा कोंढाला व डा. बाबासाहेब आंबेडकर प्रबोधन संस्था बौद्ध समाज कोंढाला की ओर से आयोजित धम्म प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्य मार्गदर्शक के तौर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम का उद्घाटन ब्रम्हपुरी के सामाजिक विचारक प्रा. डा. युवराज मेश्राम के हाथों किया गया.

कार्यक्रम के दौरान प्रमुख अतिथि के रूप में भन्ते सचित्त बोधी, दी बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया के राज्याध्यक्ष दीनेश हनुमंते, राज्य संगठक वैभव धबडगे, विभागीय अध्यक्ष विजय बन्सोड, उपाध्यक्ष अशोक इंदूरकर, महिला महासचिव यशोधरा नंदेश्वर, महिला प्रतिनिधि दर्शना शेंडे, विभागीय संगठक प्रा. सुरेंद्र तावाडे, नरेश मेश्राम, सरपंच अपर्णा राउत, नितिन राऊत, देसाईगंज शहर बौद्ध समाज कोर कमेटी के अध्यक्ष प्रकाश सांगोले, हंसराज लांडगे, काका गडकरी, राधा नांदगाये, सामाजिक कार्यकर्ता जे. बी. लांडगे, मुकुंदा मेश्राम आदि उपस्थित थे.

कार्यक्रम की शुरूआत में तथागत बुद्ध व महामानव डा. बाबासाहेब आंबेडकर का वंदन किया गया. कार्यक्रम की प्रस्तावना बौद्ध समाज के कार्याध्यक्ष नागोराव उके ने रखी. संचालन बुद्धिस्ट सोसाइटी की विभा उमरे, सुकेशिनी ऊके ने किया. आभार प्रबोधन संस्था के राजेंद्र शेंडे ने माना. कार्यक्रम की सफलता हेतु अनीता शेंडे, मंगला शेंडे, तुषार ऊके, प्रशांत मंडपे , रोशन शेंडे, पल्लवी घुटके, प्रज्ञा शेंडे , उत्तरा मेश्राम समेत बौद्ध समाज बांधुवों ने प्रयास किया.