Gharkul Scheme

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गड़चिरोली. धानोरा नगर पंचायत निर्मिती को 8 वर्ष का कालावधि बित चुका है. जिस कारण विकासकार्यो को गति मिलेगी, ऐसी अपेक्षा नपं अंतर्गत आनेवाले नागरिकों को थी. किंतु अबतक नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने से नागरिकों में रोष व्यक्त हो रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मंजूर घरकुल के 2 माह से 78 लाख 10 रूपयों का हप्ता प्रलंबित होने से नपं क्षेत्र के घरकुल का निर्माण ठप्प हुआ है. नपं प्रशासन के अनदेखी के चलते निधि अटकने से घरकुल के कार्यो को ब्रेक लगा है. 

23 अप्रैल 2015 को धानोरा ग्राम पंचायत का नगर पंचायत में रूपांतर किया गया. ग्रापं का नगर पंचायत में रूपांतर होने से विकासकार्यो को गति मिलेगी, ऐसी आंस शहर के नागरिकों को थी. किंतु नपं स्थापना के 8 वर्ष पश्चात भी विकास की ट्रेन पटरी पर नहीं आने की स्थिती कायम है. ऐसे में नपं प्रशासन ने सरकारी परिपत्रक के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना चलाने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 के वित्तीय वर्ष में 234 घरकुलों को मंजूरी दी गई है. जिसके तहत अनेक घरकुलों के कार्य पूर्ण हुए है.

फिलहाल 103 घरकुलों का कार्य शुरू है. किंतु मार्च, अप्रैल इस 2 माह से लाभार्थियों के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुदान खाते में जमा न होने से नपं क्षेत्र के सभी घरकुल कार्य ठप्प हुए है. लाभार्थियों को घरकुल के हप्ते ही नहीं मिलने से घरकुल का निर्माण कैसे करे ? ऐसा सवाल लाभार्थियों के समक्ष निर्माण हो रहा है. एक ओर इस खेत्र में उत्पन्न के कोई साधन नहीं होने से अन्यत्र मजदूरी कर परिवार का जीवनयापन किया जाता है.

ऐसे में जल्द ही तेंदूपत्ता सीजन व उसके बाद कृषिकार्यो को शुरूआत होनेवाली है. किंतु घरकुल अपूर्ण अवस्था में होने के कारण लाभार्थी नए संकटों से घिर गया है. प्रलंबित घरकुल अनुदान के संदर्भ में नपं घरकुल विभाग से संपर्क करने पर 1 अप्रैल से खाते में राशी ट्रान्सफर करनेवाली ‘पीएफएमएस’ सर्व्हर बंद होने की बात कहीं गई. उक्त सर्व्हर एक माह तक बंद रहनेवाला हे.

ऐसी पत्र घरकुल विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है. किंतु मार्च महिने में जिन लाभार्थियों के देयक डालने थो, तब संबंधित विभाग निद्रा में था क्या ? ऐसा सवाल पुछा जा रहा है. अगर मार्च महिने में ही नपं क्षेत्र के घरकुल के हप्ते संबंधित विभाग ने डाले होते तो अधिकांक्ष घरकुल के हप्ते लाभार्थियों के खाते में जमा हुए होते, जिससे घरकुल का निर्माण पूर्ण हुआ होता. किंतु प्रशासकीय यंत्रणा के अनदेखी के चलते करीब 103 घरकुल लाभार्थियों के 78 लाख की राशी प्रलंबित रहने से अधुरे घरकुल के कारण गरीब लाभार्थियों का संसार आसमान तले आया है. 

अधिकारी, कर्मचारियों में नहीं तालमेल ! 

इस मामले को लेकर अधिक की जानकारी प्राप्त करने पर आरमोरी नगर परिषद के अभियंता के पास धानोरा नपं का प्रभार होने की जानकारी है. वे एक सप्ताह में एक या दो बार धानोरा नपं कार्यालय को भेट देते है. इसमें भी घरकुल विभाग से संबंधित होनेवाले अधिकारी व कर्मचारी वर्ग का तालमेल नहीं मिलने से घरकुल लाभार्थियों के हप्ते मिलने में दिक्कते आ रही है. इस विभाग के रिक्त पद इसके लिए जिम्मेदार साबित हो रहा है. जिससे तत्काल रिक्त पद भरने की आवश्यकता व्यक्त हो रही है. 

नपं पदाधिकारियों की भी अनदेखी 

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा उक्त योजना चलाई जाती है. राज्य सरकार द्वारा 1 लाख का निधि दिया जाता है. इसमें 40 हजार रूपयों के 2 हप्ते व 20 हजार का 1 हप्ता ऐसे 3 हप्तों में राशी का विभाजन किया जाता हे. केंद्र सरकार का अनुदान 60 हजार के 2 हप्ते व 30 हजार का 1 हप्ता इस तरह दोनों योजना के 6 हप्ते लाभार्थियों के बचत खाते में उक्त कार्य के मुल्यांकन के अनुसार जमा किया जाता है.

सरकार द्वारा निधि प्रापत हो रहा है. किंतु केवल प्रशासकीय यंत्रणा के अनदेखी के चलते गरी लाभार्थियों को फटका लगने की स्थिती है. प्रशासकीय यंत्रणा का टालमटोल कार्य जारी है, ऐसे में स्थानीय नपं पदाधिकारियों की भी इस ओर घोर अनदेखी की है. पदाधिकारी केवल वार्ड के सड़के, नालिया अदि कार्य में ही व्यस्त होने से हमें न्याय कोन देगा? ऐसा सवाल लाभार्थी पुछ रहे है.