अब तहसीलदार हड़ताल पर, बेमियादी हड़ताल से कार्य प्रभावित

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गड़चिरोली. पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल किया था और अब राजपत्रित वर्ग 2 नायब तहसीलदार इस कार्यकारी पद के विद्यमान ग्रेड-पे के मुद्दे को लेकर संपूर्ण राज्य के तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने हडताल का हथियार उठाया है. जिसके तहत जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने सोमवार से जिलाधिश कार्यालय के सामने कामबंद आंदोलन शुरू किया है.

राजस्व विभाग का नायब तहसीलदार राजपत्रित वर्ग 2 यह महत्वपूर्ण पद है. यह पद का वेतन यह वर्ग 2 का नहीं होने से संगठन द्वारा नायब तहसीलदार का ग्रेड पे बढाने संदर्भ में वर्ष 1998 से सरकार स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. लेकिन सरकार द्वारा संगठन की ओर अनदेखी किये जाने से राज्य समेत जिले के 13 तहसीलदार समेत 60 नायब तहसीलदारों न ग्रेड पे 4 हजार 300 रूपयों से 4 हजार 800 करने की मांग को लेकर बेमियादी हडताल शुरू किया है.

इस समय आंदोलनकर्ता तहसीलदारों ने सरकार के खिलाफ आक्रमक भुमिका अपनाते हुए अपनी मांग पर अडे है.  जब तक मांग पूर्ण नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदारों ने लिया है. इससे पहले सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के लिये हडताल किया था. जिसका खामियाजा आम नागरिकों को काफी दिनों तक भुगतना पडा था और अब राजस्व विभाग के तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा हडताल शुरू किये जाने से आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.

दर्जा वर्ग 2 का, वेतन श्रेणी 3 की 

सरकार ने 13 अक्टूबर 1998 को नायब तहसीलदार संवर्ग का दर्जा वर्ग 3 से बढाकर वर्ग 2 किया था. लेकिन वेतन बढोत्तरी नहीं की गई थी. वर्ग 2 के पद पर काम करते हुए भी वर्ग 3 का वेतन मिलने से नायब तहसीलदारों में नाराजगी व्यक्त की जा रही थी़. जिससे वर्ग के अधिकारों की तरह ग्रेड पे बढाने की मांग करते हुए जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदारों ने हडताल शुरू किया है.

आम नागरिक हुए त्रस्त 

संपूर्ण जिले में तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने अपनी मांगों को लेकर बेमियादी हडताल शुरू किया है. सोमवार को दिन भर जिले के तहसील कार्यालयों में तहसीलदार व नायब तहसीलदार की खुर्सिया खाली दिखाई दी़ अन्य कर्मचारी अपना कार्य नियमित करते हुए दिखाई दिये. लेकिन तहसीलदार के हस्ताक्षर बगैर आम नागरिक, किसान तथा शैक्षणिक कार्य के लिये छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पडा.

हडताल से कामकाज पर विपरित परिणाम

तहसील में कानून व सुव्यवस्था अबाधित रखने का काम तहसीलदार द्वारा किया जाता है. इसके साथ ही जमीन के राजस्व कार्य, अतिवृष्टि से पंचनामा करने की कार्रवाई, कार्यालय से विभिन्न विभागों से दिये जानेवाले दाखिले, प्रमाणपत्र,  राजस्व प्रकरण, संजय गांधी निराधार योजना का अनुदान, राशन वितरण की कालाबाजारी रोकने, विभिन्न प्रशासकीय कार्यो को मान्यता देने का आदि कासमावेश है. लेकिन तहसीलदार बेमियादी हडताल में शामिल होने से सरकारी कामकाजों पर विपरित परिणाम हो रहा है.