गड़चिरोली. विगत कुछ दिनों से शहर में अज्ञात बिमारी से सुरों के मौतों का सत्र शुरू है. शहर के विभिन्न वार्डो में अबतक इस अज्ञात बिमारी से सुअरों की मृत्यू होने की जानकारी होने के बावजूद पशुसंवर्धन विभाग इस संदर्भ में अनभिज्ञ होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.
गड़चिरोली शहर के अनेक वार्डो में आवारा घुमनेवाले सुआरों की अज्ञात बिमारी से मृत्यू होने की बात निदर्शन में आ रही है. शहर के गोकुलनगर में 5 से 6 दिनों में करीब 15 सुअरों की मृत्यू होने की जानकारी है. इसीक के साथ ही शहर के करीबन रामनगर, कैम्प एरिया इन वार्डो में भी सुअरों की मृत्यू होने की जानकारी है. शहर के चामोर्शी मार्ग पर के कैकाडी बस्ती में सर्वाधिक सुअर पालन किया जाता है.
विगत कुछ दिनों से इस मार्ग के सेमाना देवस्थान में झाडियों के जंगल परिसर से सटकर होनेवाले पगडंडी सड़क पर मृत्यू हुए सुअरों के शव नागरिकों के निदर्शन में आए है. उक्त मृत्यू हुए सुअरों की दुर्गंध फैल रही है. जिससे इस मार्ग पर से सुबह व शाम के दौरान टहलने के लिए जानेवाले नागरिकों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है.
विगत कुछ दिनों से अज्ञात बिमारी के कारण सुअरों के मृत्यू का सत्र शुरू है. इस संदर्भ में पशुसंवर्धन विभाग के संबंधित अधिकारियों को पुछने पर इस संदर्भ में एक या दो सुअर मालिकों के अलावा किसी की शिकायत प्राप्त नहीं होने की जानकारी उन्होने दी. जिससे सुअरों में आए इस अज्ञात बिमारी को लेकर पशुसंवर्धन विभाग भी अनभिज्ञ होने की बात इससे स्पष्ट हो रही है.
कुछ दिन पूर्व एक सुअर मालिक ने मृत सुअर के संदर्भ में पशुसंवर्धन विभाग में पोस्टमार्टम किया था. इससे पूर्व उसके सुअर के बच्चे मृत्यू होने से सतर्कता के तौर पर विभाग की ओर अधिक जांच की. सुअर के नमुने संकलित कर जांच हेतु नागपुर के लैब में भेजा गया है. उसकी रिपोर्ट अबतक प्राप्त नहीं होने से सुअरों के मृत्यू का क्या कारण है, यह पतां नहीं चल पाया है.
विलास गाडगे (पशुसंवर्धन उपायुक्त, गड़चिरोली)