प्रतीकात्मक तस्वीर
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    आमगांव. तहसील के चिरचाड़बांध ग्रापं अंतर्गत ससाकरण टोला में मलेरिया से हड़कंप मच गया है. मलेरिया से 1 महिला मरीज की मृत्यु हो गई है. वहीं पुन: 7 मरीज पाए जाने से ग्रामीणों में चिंता का वातावरण निर्मित हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों के रक्त के नमूने जांच के लिए लेने की शुरुआत की है.   लीलाबाई तुरकर (38) की मलेरिया से मृत्यु होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है. इस गांव में मलेरिया की रक्त जांच शुरू की गई है.

    जांच के दौरान गांव में 7 मलेरिया के मरीज पाए जाने से गांव में हड़कंप मच गया. चिरचाड़बांध उपकेंद्र ससाकरणटोला इस गांव में पिछले कुछ दिनों से गांव के लोगों को ठंड लगकर बुखार आया था. लीलाबाई तुरकर व उसके पुत्र मोहित तुरकर की तबीयत अधिक बिगड़ जाने से उन्हें गोंदिया स्थित निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया. जहां  मलेरिया की पुष्टि हुई. 10 अगस्त को लीलाबाई  की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. जबकि पुत्र पर उपचार शुरू है. मलेरिया से  मृत्यु होने का समाचार गांव में फैलते ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया. आमगांव पंस सभापति राजेंद्र गौतम, जिप सदस्य हनुवंत वट्टी ने तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मचारी व सरपंच की बैठक लेकर तत्काल मलेरिया रक्त जांच शिविर शुरू करवाया. 

    बेजवाबदार कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें

    इस गांव में मच्छरों का प्रमाण बड़े पैमाने पर बढ़ गया है. स्वास्थ्य सेविका यह गांव में नियमित नहीं आने की शिकायत ग्रामीणों ने की है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से गांव में मलेरिया बढ़ा है. जिससे बेजवाबदार स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग ग्रामीणों व पदाधिकारियों ने की है. गांव में तत्काल मच्छरनाशक दवाईयों का छिड़कांव करने की मांग भी की गई है. 

    लापरवाही से मृत्यु

    स्वास्थ्य सेविका की लापरवाही से मेरी मां की मृत्यु हुई है. स्वास्थ्य सेविका गांव में नियमित आती और रक्त के नमूने  लिए जाते तो समय पर उपचार किया जा सकता था  लेकिन स्वास्थ्य सेविका की लापरवाही से मेरी मां की मृत्यु होने का आरोप मृतक लीलाबाई की पुत्री पुर्वा तुरकर ने लगाया है.