Rajkapoor meshram

  • ACB ने किया था अरेस्ट

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गोंदिया. रिश्वत लेने के आरोप में बंदी बनाए गए भूमि अभिलेख कार्यालय गोरेगांव के लिपिक राजकपुर कचरू मेश्राम को एसीबी की टीम ने बुधवार को दोपहर में जिला अपर व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायधीश सुहास माने के समक्ष पेश किया. न्यायधीश माने ने 25 हजार रु. के मुचलके पर जमानत मंजूर की है. इस समय आरोपी की ओर से एड. निजाम शेख व एड. विवेक बारापात्रे ने न्यायालय में पैरवी की. वहीं सरकार का पक्ष एड. महेश चांदवानी ने रखा.

3,000 लेते गिरफ्तार 

उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व ही कथित लिपिक को 3,000 रु.  की रिश्वत लेते हुए एंटी  करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि गोरेगांव तहसील अंतर्गत हौसीटोला निवासी शिकायतकर्ता ने भूमापन गट क्र. 67 में 1.09 हेक्टर आर जमीन की गिनती 7 दिसंबर को भूमि अभिलेख कार्यालय द्वारा की गई थी. इसके लिए भूमि अभिलेख कार्यालय में कार्यरत लिपीक राजकपुर मेश्राम यह गिनती के लिए आया था. इसके बाद गिनती हो जाने से कागजपत्र हासिल करने के लिए शिकायतकर्ता कार्यालय पहुंचा. इस समय संबंधित लिपीक ने 5 हजार रु. की मांग की थी.

शिकायतकर्ता ने 1 हजार रु. दे दिए थे. इसके बाद पुन: पैसे की मांग की गई. इतना ही नहीं पैसे देने के बाद ही उसे गिनती की प्रति देने की बात कही गई. इस घटना की उसने 28 दिसंबर को एसीबी में शिकायत कर दी. इसके आधार पर एसीबी की टीम ने योजनाबध्द तरीके से जाल बिछाकर लिपिक मेश्राम को 3 हजार रु. की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया. मामले की जांच एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक रमाकांत कोकाटे कर रहे है.