पुल पर लोहे की सलाखों की जगह बांस, दुर्घटनाओं की संभावना

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गोंदिया. सड़क अर्जुनी तहसील के सौंदड़ से राका मार्ग पर चुलबंध नदी है. इस नदी पर 2016-17 में पुल का निर्माण किया गया था. इस पुल से बड़ी संख्या में नागरिकों का आवागमन लगा रहता है. तीन साल पहले नदी में आई बाढ़ में पुल की पूरी लोहे की पाइप रेलिंग बह गई थी. जिससे नागरिकों की शिकायत पर तहसील प्रशासन ने इस पुल पर बांस की रेलिंग तैयार की है.

सीमेंट की एक बोरी में रेत भरकर उस पर बांस चिपका दिया गया है. अगर कोई इसे छू ले तो गिरने का डर है. इस बांस का कोई सहारा नहीं है. इसी स्थान पर एक साल पहले एक बैलगाड़ी वाले की गाड़ी पुल से गिर गई थी. इस जगह पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. राका, पलसगांव, चिखली, कोकना, कनेरी, मनेरी आदि कई गांवों के नागरिक इस मार्ग का उपयोग करते हैं. साकोली से नवेगांवबांध की ओर जाने वाले अधिकांश यात्री और भारी वाहन इसी मार्ग का उपयोग करते हैं. ऐसे में पुल पर तटबंध नहीं है. इसलिए पुल पार करते समय वाहन चालक का संतुलन बिगड़ने और दुर्घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. 

ग्राम राका के उपसरपंच मधुसूदन दोनोडे ने बताया कि इस पुल के लिए पत्थरों की मांग काफी दिनों से की जा रही थी. लेकिन तहसील प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया है. जिससे यह पुल दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहा है. 

तहसील प्रशासन की अनदेखी

सौंदड से राका मार्ग के चुलबंद नदी के पुल पर लगे लोहे के रेलिंग तीन साल पहले बाढ़ में बह गए. लेकिन अभी तक यहां रेलिंग का निर्माण नहीं किया गया. तहसील प्रशासन भी इस ओर अनदेखी कर रहा है. यहां बांस की रेलिंग बनाई गई है. जिससे यहां से आवागमन करने वाले वाहन चालकों को दुर्घटनाओं की संभावना है.