गोंदिया. राज्य की स्थानीय स्वराज्य संस्था के ओबीसी आरक्षण संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का अब तक निर्णय नहीं आया है जिससे राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने ओबीसी आरक्षण बिना स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव न कराए ऐसी भूमिका ली है. उसके अनुसार गोंदिया नप के चुनाव दिवाली के बाद होने की संभावना प्रतीत हो रही है. इसमें अनेक इच्छुक उम्मीदवारों की उम्मिदों पर पानी फिर गया है. वहीं कुछ अपना जनसंपर्क बढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिलने की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं.
नप के पदाधिकारियों का कार्यकाल 9 फरवरी 2022 को समाप्त हो गया है. इसके साथ ही सभी पार्टियों के इच्छुक उम्मीदवारों ने अपना जनसंपर्क बढ़ा दिया है लेकिन ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हल नहीं होने से अनेक भ्रमित थे. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण संदर्भ में याचिका पर सुनवाई कर ओबीसी के पदों को सर्वसाधारण कर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं और यदि चुनाव घोषित भी हो जाते है तो बारिश में यह संभव नहीं होगा.
इस बार दिवाली राजनीतिज्ञों सहित मतदाताओं के लिए यादगार रहने वाली है. ऐसा लगता है. चुनाव कार्यक्रम के लिए 45 दिन की अवधि लगती है. इसमें प्रभाग रचना, आरक्षण ड्रा, मतदाता सूची का अंतिम रूप देने सहित अन्य चुनाव विषय में कामों के लिए समय लगता है. प्रशासक राज कायम नप गोंदिया के पदाधिकारियों का कार्यकाल 9 फरवरी को समाप्त हो गया है इसी में चुनाव आगे बढ़ जाने से नप में पिछले 4 माह से प्रशासक राज कायम है. यही स्थिति दिवाली के बाद तक रहने की संभावना है.
रंगीन तालीम शुरू नप के चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीतिकों के समुहों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए रंगीन तालीम शुरू की थी. इसी में नेताओं ने नागरिकों के घर भेंट देने का कार्यक्रम चलाया था लेकिन चुनाव आगे बढ़ गए. जिससे अब भी कुछ इच्छुकों की रंगीन तालीम शहर में दिखाई दे रही है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को आदेश जारी कर प्रभाग रचना के रूके हुए कार्यो को पुन: शुरू करने के निर्देश दिए हैं. नप में पुर्व में 40 प्रभाग थे इसमें 2 प्रभागों की वृद्धि की गई है. जिससे अब 22 प्रभागों में क्रमश: 2 प्रत्याशी के अनुसार कुल 44 पार्षद संख्या होगी. इस चुनाव में कांग्रेस, राकांपा, भाजपा, शिवसेना, बसपा व चाबी संगठन के उम्मीदवार मैदान में जोर शोर से दिखने वाले हैं. 0 हरिंद्र मेठी 000