देवरी. बारिश के बाद शहर के कुछ हिस्सों के गड्ढों आदि में पानी जमा होने से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ गया है. ज्यादा समय पर पानी जमा रहने से दूषित हो जाता है और बीमारियां फैलती है. सड़क किनारे टपरी और होटलों में खुले में रखे खाद्य पदार्थों व दूषित पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बना हुआ है. जिससे खुले में रखे पदार्थ के सेवन से बचने की सलाह दी जा रही है.
बाजार चौक, रानी दुर्गावती चौक, नगर पंचायत परिसर, दुर्गा चौक, बस स्टैंड, आमगांव चौक आदि भीड वाले भागों में अनेक होटलों व टपरियों पर खाने-पीने का सामान टेबल पर खुले में ही रखा जाता है.
खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के मामले में विक्रेताओं की ओर से लापरवाही की तस्वीर देवरी शहर में देखी जा सकती है. खुले में रखे खाने-पीने की चीजों पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं. साथ ही वाहनों की आवाजाही से उडती सड़क की धूल भी उस पर जम जाती है. इन विक्रेताओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होने वे खुले में पदार्थ रखकर बेच रहे हैं. नागरिकों द्वारा इनके सेवन से दस्त व पेट दर्द की शिकायतें बढ रही है. लेकिन संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
जागरूकता की कमी
बरसात के दिनों में साथरोग का प्रकोप तेज हो जाता है. इसमें अधिकतर मरीज खुले में रखे पदार्थ खाने से बीमार हो जाते हैं. इस प्रकार के बाहर के खाद्य पदार्थ खाने से पाचन तंत्र से जुड़े रोग काफी बढ़ जाते हैं. इस संबंध में देवरी तहसील में कोई जन जागरूकता कार्यक्रम नहीं लिए जा रहे हैं. जागरूकता कार्यक्रम होने पर इसका लाभ हो सकता है. इसके साथ ही खुले में खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई मांग भी की जा रही है.
डा.धुमनखेडे के अनुसार खुले में रखे पदार्थ खाने से पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां होती हैं. इसलिए बरसात के दिनों में नागरिकों को हो सके तो बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए. यह खाना डायरीया, लुझ मोशन, कॉलरा, पीलिया और पेट दर्द जैसी बीमारियों का कारण बनता है. इन दिनों में बाहर का पानी पीने और बाहर के खाने से बचना चाहिए क्योंकि बाहर का पानी दूषित है. खुले में भोजन पर आने वाली मक्खियां अशुद्धता फैलाती है. इन कारणों से बीमारियों को बढाया मिलता है. इन दिनों में उबला हुआ पानी पीना बेहतर है.