मानव विकास निर्देशांक वृद्धि के लिए रोजगार निर्मिती पर जोर दें: अनिल पाटिल

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    गोंदिया. मानव विकास योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करते समय मानव विकास निर्देशांक को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर जोर दिया जाना चाहिए,  शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका तीन मापदंडों पर काम किया जाए.  ऐसा प्रतिपादन मानव विकास आयुक्त नितिन पाटिल ने जिलाधीश कार्यालय में आयोजित बैठक में किया.   प्रभारी जिलाधीश अनिल पाटिल, उप वन संरक्षक पवन जप्स, जिला योजना अधिकारी मानव विकास एस.बी. पचखेड़े, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चौहान, सहायक जिला योजना अधिकारी पूजा पाटिल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

    मानव विकास कार्यक्रमों को लागू करने वाले सभी विभागों से जानकारी हासिल की गई. आयुक्त पाटिल ने कहा कि मानव विकास कार्यक्रम तीन घटकों अर्थात शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका पर आधारित है. 8वीं से 12वीं तक पढ़ने वाली छात्राओं के लिए शिक्षा विभाग साइकिल वितरण योजना संचालित करता हैं जो मानव विकास के तीनों संकेतकों को पूरा करने वाली यह योजना कक्षा 8वीं से 12वीं तक शिक्षा लेने वाली अधिक से अधिक लड़कियों को इसका लाभ मिले इसके लिए लाभार्थी बालिकाओं की सूची अविलंब प्रस्तुत की जाए ताकि 8वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली अधिक से अधिक संख्या में छात्राएं इस योजना का लाभ उठा सकें.

    इसी तरह, मानव विकास कार्यक्रम के तहत प्रत्येक तहसील को एक बस प्रदान की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बस रूट का रूट तैयार हो जाएगा. मानव विकास कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीब से गरीब व्यक्ति के सामने उक्त कार्यक्रम को लागू किया जाना चाहिए. शिक्षा में पिछड़ेपन को दूर करने के लिए मानव विकास  कार्यक्रम का उपयोग किया जाना चाहिए. सामान्य और गरीब लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के अलावा पाटिल ने कहा कि नियोजन रोजगार सृजन के उद्देश्य से किया जाना चाहिए. 

    मूल्यवर्धन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में भी आय बढ़ाना होना चाहिए, साथ ही कौशल विकास से जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी. स्वास्थ्य विभाग के संदर्भ में  उन्होंने  कहा कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए जांच अभियान और शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएं.

    वन विभाग इको टूरिज्म, होम स्टे, टूरिस्ट गाइड, सोलर फेसिंग जैसी योजनाओं को लागू कर मानव विकास कार्यक्रम को सफल बनाएं. जंगल रोजगार सृजन का केंद्र है. जिसमें महुआ, चारोली संकलन से बड़ा रोजगार उपलब्ध हो सकता है. इसके साथ ही मत्स्य व्यवसाय, उमेद, महिला आर्थिक विकास महामंडल, एसटी महामंडल सहित विभिन्न विभागों की बैठक आयोजित की गई.