कर्मचारियों ने बनाया कार्यालय खुलने व बंद करने का अपना ही समय; पटवारी कार्यालय में समस्या कायम, घंटों बैठी रही महिलाएं

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    • लेटलतीफी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई: पसं सभापति बोपचे

    गोरेगांव. शहर में स्थित शासकीय कार्यालयों में कर्मचारियों की लेटलतीफी से नागरिक परेशान हो चुके है. यहां अधिकतर कर्मचारी अपने कार्यालयों पर समय पर नहीं पहुंच रहे हैं. जिसमें कार्यालय शुरू होने से लेकर बंद होने तक का कोई ठिकाना नहीं है. जबकि यहां प्रशासन द्वारा कार्यालय शुरू होने व बंद करने का एक समय निर्धारित किया गया है.

    जिसमें कार्यालय शुरू होने का समय 9.45 बजे दिया गया है तथा बंद करने का समय 6.15 बजे तय है. लेकिन यहां स्थिति बिलकुल विपरीत है. लेटलतीफी कर्मचारियों ने कार्यालय में आने का अपना एक अलग ही समय निश्चित कर लिया है जिसमें कार्यालय सुबह 11 बजे के बाद शुरू होते आ रहे हैं तथा बंद करने का कोई समय निश्चित नहीं है. जिसमें अधिकतर कार्यालय समय के पूर्व ही बंद हो जाते हैं जिसका एक उदाहरण गोरेगांव पंचायत समिति के पशुसंवर्धन विभाग कार्यालय में देखा गया है.

    यहां 31 मई मंगलवार को कार्यालय समय के पूर्व ही बंद कर दिया गया. साथ ही 1 जून को सुबह भी 10.30 बजे तक कार्यालय शुरू होने का कोई ठिकाना नहीं था. जिसमें तहसील के दूरदराज इलाके से आए अनेक किसानों को कार्यालय से वापस जाना पड़ा है साथ ही कार्यालय के ठीक बाजू  स्थित कृषि विभाग कार्यालय में भी लगभग यही स्थिति है. ऐसे में इन कार्यालयों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं साथ ही जरूरी कार्य को लेकर नागरिक अलग परेशान हो रहे हैं.

    इस विषय को लेकर पंचायत समिति सभापति इंजी.  मनोज बोपचे द्वारा पदभार संभालते ही ऐसे कुछ लेटलतीफी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी. जिसमें लेट कर्मचारियों की तनख्वाह काटी गई थी. फिर भी यहां स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं. कार्यालयों में अधिकतर कर्मचारी गोंदिया टू गोरेगांव अप डाउन कर रहे हैं. जिसे लेटलतीफी का मुख्य कारण अप डाउन बताया जा रहा है. इस बीच पशुसंवर्धन विभाग व कृषि विभाग कार्यालय के विषय पर सभापति मनोज बोपचे ने यहां स्थित लेटलतीफी कर्मचारियों को पत्र के माध्यम से अंतिम चेतावनी देने की बात कही है.

    पटवारी कार्यालय में भी समस्या कायम… घंटों बैठी रही महिलाएं

    शहर के तिरोड़ा मार्ग पर स्थित पटवारी कार्यालय में भी स्थिति लगभग यही है. यहां भी पटवारी कार्यालय शुरू होने का कोई ठिकाना नहीं है. ऐसे में महीनों से नागरिकों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों के कार्य लटके हुए हैं. गोरेगांव क्षेत्र बड़ा होने के बावजूद यहां स्थाई पटवारी की नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में अस्थाई पटवारी होने से समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जिसका एक उदाहरण 1 जून बुधवार को फिर देखा गया है जिसमें कार्यालय सुबह 11 बजे तक नहीं शुरू हुआ था.

    जिसमें दूरदराज से आई कुछ महिलाएं कार्यालय के ठीक सामने बैठी कार्यालय शुरू होने की राह देख रही थी. पिछले अनेक महीनों से यह समस्या कायम है. यहां स्थित प्रभारी पटवारी को सोमवार से बुधवार कार्यालय में उपलब्ध रहने का दिन निश्चित है लेकिन यहां अपने मनमर्जी अनुसार कार्य भगवान भरोसे चल रहा हैं. शासकीय कार्यालयों में कर्मचारियों की लेटलतीफी यहां नागरिकों के लिए सरदर्द बन रही है. ऐसे लेटलतीफी कर्मचारियों पर कार्रवाई की आवश्यकता है. जिसकी मांग मनसे तहसील अध्यक्ष शैलेश जांभुलकर ने की है.