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    गोंदिया. गणेशोत्सव इस बार अभूतपूर्व होने जा रहा है. 31 अगस्त को गणपति स्थापना का श्रीगणेश हुआ. सर्वत्र उत्साह का नजारा देखा गया.  शहर के प्रमुख मंडलों  द्वारा बुध्दि के देवता गणपति की स्थापना की गई.  सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल सहित घर घर में श्रीगणेश की स्थापना की गई. लोगों ने बाजे गाजे के साथ आतिशबाजी कर बाप्पा को विराजित किया. वहीं कुछ लोगों ने हाथठेले व दुपहियां वाहन से मूर्ति को अपने घरों में लाया.

    सार्वजनिक मंडलों के सदस्यों ने मिनी ट्रक व ट्रैक्टर में बड़ी मूर्तियों को ले जाकर पंडाल में विराजित किया. गणपति को महाराष्ट्र का आराध्य देव कहा जाता है, घर घर गणपति की पूर्ण श्रध्दा व परंपरा के साथ स्थापना की गई. इसके लिए साफ सफाई कर सुंदर मंडप, मखर व विद्युत रोशनाई से सजावट की गई. शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा के गाजे बाजे से स्थापना की गई. बालगोपालों का उत्साह देखने लायक था. अपनी मनपसंद मूर्ति लेने के लिए शहरवासी उमड पडे. 

    गणेश चतुर्थी पर शहर में विभिन्न  मंडलों द्वारा भव्य व आकर्षक पंडाल तैयार किए गए  जहां पर 10 दिन तक गणपति बप्पा विराजेंगे. मूर्ति स्थापना के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत हुई. पंडाल को रंग-बिरंगी लाइट और फूलों से सजाया गया है. बुधवार से 9 सितंबर तक पंडाल में सुबह-शाम बप्पा की आरती के साथ हवन-यज्ञ होगा. कोरोना के चलते पिछले दो सालों से गणेश चतुर्थी को केवल रस्म अदायगी तक ही सीमित कर दिया गया था लेकिन इस बार  गणेश चतुर्थी से गणेशोत्सव पर्व का आगाज हो गया रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति बप्पा  को  प्रतिष्ठापित करने के लिए हर कोई उत्साहित दिखाई दिया. 

    उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में हर त्यौहारों को सादगी से मनाने की हिदायत दी गई थी लेकिन   कोरोना नियमों का प्रतिबंध हटने से हर त्यौहार को  धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिसके चलते शहर के हर चौराहों पर युवकों की भीड़ नजर आयी. कोरोना काल में बैंडबाजे वालों को भी आर्थिक नुकसान से जुझना पड़ा था लेकिन इस बार उन्हें हर त्यौहार में काम मिल रहा है. जिससे उनकी आय में वृध्दि हो रही है.