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    • कार्यकारी संपादक व सचिव डा. बलसेकर कीजिला गजेटियर प्रस्तुत करने के संबंध में बैठक

    गोंदिया. अगले वर्ष 1 मई 2024 को गोंदिया जिले के गठन के 25 वर्ष पूरे हो जाएंगे और जिले की रजत जयंती मनाई जाएगी. गोंदिया जिला राजपत्र महाराष्ट्र शासन के राजपत्र (गजेटियर) विभाग की ओर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव और जिले के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर प्रकाशित किया जाएगा. गजेटियर का कार्य समय पूरा करने के लिए विभाग से संबंधित जानकारी तत्काल प्रस्तुत करने का आव्हान गजेटियर विभाग, महाराष्ट्र शासन के कार्यकारी संपादक व सचिव डा. डी.पी. बलसेकर ने सभी शासकीय विभागों से जिलाधीश कार्यालय में जिलाधीश चिन्मय गोतमारे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किया.

    उल्लेखनीय है कि पहली बार जिला गजेटियर तैयार किया जा रहा है. गोंदिया जिला गजेटियर के सृजन के संबंध में समीक्षा बैठक जिलाधीश कार्यालय में आयोजित हुई. जिसमें जिप सीईओ अनिल पाटिल, निवासी उप जिलाधीश स्मिता बेलपत्रे, उप जिलाधीश सुभाष चौधरी, जिला सूचना अधिकारी रवि गीते सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे. 

    एक व्यापक गजेटियर तैयार किया जाएगा जो जिले के इतिहास, भूगोल, सांस्कृतिक पहचान को बताएगा. इस गजेटियर को अगले 6 महीने में तैयार करने की योजना है. बलसेकर ने गजेटियर की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी जिलों के गजेटियर बनाना चाहती है. अत: यदि आप उत्सुकतावश अपने विभाग से संबंधित सूचना यथाशीघ्र उपलब्ध करा दें तो गजेटियर का कार्य समय से पूर्व हो सकता है.  

    गजेटियर का प्रयोग ब्रिटिश काल से चला आ रहा है और जब अंग्रेज लेखक यहां आए तो उन्हें यहां की भौगोलिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों की जानकारी नहीं थी. गजेटियर से उन्हें उस समय काफी मदद मिली थी. आज भी हम जानकारी खोजने के लिए पुराने गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं. हाईकोर्ट ने कुछ फैसले सुनाते हुए गजेटियर की भी मदद ली है.

    यहीं से गजेटियर का महत्व स्पष्ट हो जाता है. गजेटियर भविष्य और उस स्थान की पुरानी जानकारी के लिए महान हैं जो आप जगह की संस्कृति, भूगोल जानना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने कहा कि जानकारी जुटाते समय भूमिपुत्रों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने ऐतिहासिक स्थलों, पर्यटन स्थलों, ब्रिटिश वास्तुकला की तस्वीरें एकत्र करने का निर्देश दिया, क्योंकि गजेटियर के लिए उनकी आवश्यकता होगी.

    जिले के गठन के बाद प्रशासनिक परिवर्तन, जिले का इतिहास, जिले के समग्र विकास के लिए लागू योजनाएं, गतिविधियां, सड़कें, सिंचाई, कृषि, उद्योग, शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक व अन्य योजनाएं, मानक में सुधार के लिए लागू विभिन्न योजनाएं लोगों का रहन-सहन, उनका फोकस और उपलब्धियां, व्यापार वृद्धि, बैंकिंग सेवाएं, धर्मार्थ संस्थाएं, आजादी से पहले और बाद में जिले की संस्कृति में समय के साथ बदलाव, जिले में पर्यटन-दर्शनीय स्थल, रंगमंच संस्कृति, सिंचाई परियोजनाएं, बचत गट, सामाजिक संस्थाओं, गोंडी संस्कृति व कला, दंडार कला, समाचार पत्र व पत्रकारिता, व्यावसायिक रंगमंच आदि से उन्होंने अपील की कि एक माह के भीतर विकास के चरणों व परिवर्तनों की जानकारी अभिलेखित कर उत्कृष्ट छायाचित्रों के साथ प्रस्तुत करने का आव्हान किया है. 

    जिला गजेटियर में होंगे 10 अध्याय : 

    इस गजेटियर में विभिन्न विषयों के अनुसार 10 अध्याय होंगे. इनमें जिले का भूगोल, जिले का इतिहास, लोक संस्कृति, कृषि और सिंचाई, उद्योग, बैंकिंग, व्यापार और वाणिज्य, परिवहन और संचार, आर्थिक विकास, प्रशासन, सामाजिक सेवाएं, संस्कृति और दर्शनीय स्थल शामिल हैं. इसके लिए जिला प्रशासन के सभी विभाग काम करेंगे और विदर्भ के इतिहास का अध्ययन करने वाले विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को इस जिला गजेटियर के निर्माण के लिए चुना जाएगा.  इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्रमुख व सालेकसा एम.बी. पटेल आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रमुख प्रा.डा. नामदेव हटवार उपस्थित थे.