गोंदिया. जिले का मलेरिया व हाथी रोग विभाग स्वतंत्र रुप से कार्यरत है. ये दोनों ही विभाग एक दुसरे के पूरक हैं. ग्रामीण क्षेत्र में इस विभाग की सेवा महत्वपूर्ण होती हैं. फिर भी विभाग के महत्वपूर्ण लगभग 40 प्रश. पद रिक्त पडे हैं. जिला मलेरिया अधिकारी का भी पद राजपत्रित अधिकारी की श्रेणी में आता है जो रिक्त पड़ा है.
शासन द्वारा सन 2016 में कुछ पदों की भर्ती की गई लेकिन अभियान ठंड़े बस्ते में चले जाने से पद भर्ती को पुर्णविराम लग गया. रिक्त पदों का ग्रहण विभाग को लगने से मलेरिया, फायलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियां बढ़ने लगी हैं. मलेरिया व मस्तीष्क ज्वर से अनेक बार नागरिक डर जाते हैं.
इस बीमारी से मरीजों की होने वाली मृत्यु संख्या भी अधिक है. वर्तमान में विभाग को रिक्त पदों का ग्रहण लगने से मलेरिया व हाथीरोग विभाग की स्वास्थ्य सेवा ठप सी हो गई है. पिछले कुछ वर्षों से इन विभागों में पद भर्ती नहीं होने से रिक्त पदों का अनुशेष बढ़ता जा रहा हैं. तत्काल रिक्त पदों को भरने की मांग की जा रही है.
अनेक कर्मी अस्थाई
मलेरिया व हाथीरोग के निर्मूलन में मच्छरों की रोकथाम महत्वपूर्ण मानी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले छिड़काव के माध्यम से मच्छर व कीटकों का नाश किया जाता है जिसमें विभाग के कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. विभाग के अनेक कर्मी सेवानिवृत्त भी हो गए है और उन्हें नियमित सेवा में पुन: नहीं लिया गया. पूरे वर्ष में केवल कुछ ही दिन काम मिलने वाले कर्मचारियों का योगदान महत्वपूर्ण होने पर भी स्वास्थ्य विभाग ने हमेशा उनकी उपेक्षा की है.