Fourth class worker denied promotion, related department is deferring

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    गोंदिया. जिप की शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या कम होना कोई नई बात नहीं है. जिप की शालाओं में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने का शासन का प्रामाणिक उद्देश्य है फिर भी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की नियुक्ति करना उतना ही जरूरी है लेकिन गोंदिया जिप की 1ली से 4थी कक्षा वाली 97 शालाओं में एक ही शिक्षक कार्यरत है. जिससे जिप की शालाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षण मिलेगा. ऐसा सवाल   किया जा रहा है.

    जिले की जिप का शिक्षा विभाग हमेशा चर्चाओं में रहता है. उपशिक्षाधिकारी, शिक्षा विस्तार अधिकारी, केंद्र प्रमुख, मुख्याध्यापक, शिक्षक आदि अनेक पद रिक्त है. जिससे जिले में शिक्षा की धज्जियां उड़ रही है. इससे जहां एक ओर जिप की शाला बचाने के लिए शासन विभिन्न उपक्रम क्रियान्वित कर रहा है वहीं दुसरी ओर शिक्षकों सहित अन्य जगह भरने की ओर दुर्लक्ष कर रहा है. जिले की कक्षा 1ली से कक्षा 4थी तक शाला में मिनीमम 2 शिक्षक नियुक्त करने शासन के आदेश है. इसके बावजुद 97 शालाओं में केवल 1 ही शिक्षक कार्यरत है. इसमें 4 कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक ही शिक्षक ज्ञानदान कर रहा है.

    इसमें मजेदार बात यह है कि हर एक विषय का अभ्यासक्रम अलग होने से एक ही स्थान पर बैठकर एक शिक्षक उन विद्यार्थियों को कैसे पढ़ा रहा होगा. इसकी कल्पना की जा सकती है. एक समय जिप की शालाओं को बड़ा गौरव प्राप्त था. जबकि पिछले कुछ वर्षो से इन शालाओं की पट संख्या सतत कम होने लगी है.

    इसके लिए शासन की नीति को जवाबदार माना जा रहा है. शासन जिप की शालाए टिकाए रखने के लिए विभिन्न अभियान क्रियान्वित करता है. इसके बाद भी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण घटक शिक्षकों के पद भरने के लिए दुर्लक्ष कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में शिक्षक ही नहीं होने से गरीब विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

    विभिन्न श्रेणी के 517 पद रिक्त

    जिले में जिप की 1039 शालाएं है. इनमें 86 हजार विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं. इन शालाओं में शिक्षकों के पद हर महीने रिक्त होने से कार्यरत शिक्षकों पर उसका बोझ पड़ रहा है. पिछले 8 वर्षो से शासन ने शिक्षक भरती नहीं की है. गोंदिया शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणी के 3874 पद मंजूर है. जिसमें से 3357 पद कार्यरत है. जबकि 517 पद रिक्त पड़े है. एक ओर शाला में शिक्षक नहीं है. वहीं दूसरी ओर डीएड डिग्रीधारकों की बड़ी फौज तैयार हो गई है.

    शिक्षण स्वयं सेवकों की नियुक्ति करेंगे-शिक्षाधिकारी

    इस संबंध में शिक्षाधिकारी महेंद्र गजभिये ने बताया कि शासन की शिक्षक भरती प्रक्रिया बंद होने से जिले में शिक्षकों के पद रिक्त है. विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान न हो इसके लिए जिप शाला व्यवस्थापन समिति के माध्यम से गांवों के सुशिक्षित युवाओं की शिक्षक स्वयं सेवक के रूप में नियुक्ति की जाएगी.