कोरोना के नाम पर रेल यात्रियों को परेशानी

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    सड़क अर्जुनी: लोग लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक लोकल ट्रेनों के समुचित परिचाल का रास्ता देख रहे हैं  लेकिन रेल्वे विभाग के द्वारा  एक्सप्रेस ट्रेन चालू कर दी गई है, लेकिन छोटे क्षेत्रों के लिए ट्रेनें चालू नहीं होने से परेशानी व आर्थिक खर्च अधिक करना पड़ रहा है।   लोगों में आक्रोश है और लगातार प्रशासन से ट्रेन चालू करने के लिए मांग कर रहे हैं।  

    वर्तमान में एक्सप्रेस ट्रेन हीं चलाई जा रही है, डेमो मेमो सहित लोकल ट्रेनों का संचालन पूर्ववत नहीं किया गया है जिससे छोटे-छोटे गांवों  व शहरों के लोगों को दिक्कत हो रही है। सौंदड यह गोंदिया-बल्लारशाह रेलवे लाइन प्रमुख रेलवे स्टेशन है लेकिन पिछले 2 वर्षों से कोरोना के नाम पर यहां की सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। 2020 में जुलाई, अगस्त माह में सुपरफास्ट ट्रेनों को शुरू किया गया, स्टेशन से दरभंगा, बिलासपुर, चेन्नई, यशवंतपुर तक सुपरफास्ट ट्रेनें साप्ताहिक चल रही हैं।

    इनका ट्रेनों का स्टॉपेज होने के बाद भी यहां नहीं रोका जा रहा है। गोंदिया-चंद्रपुर-बल्लारशाह पैसेंजर ट्रेन को लंबी अवधि के बाद  शुरू किया गया। इसके लिए भी आंदोलन करना पड़ा इसके बाद उसका परिचाल शुरू किया गया। यह ट्रेन सुबह 7। 30 बजे गोंदिया से छूटती है और वही बल्लारशाह से रात 8। 30 बजे गोंदिया पहुंचती है। छोटे व्यापारियों,   कर्मचारियों और आम जनता के लिए यह सिंगल ट्रेन किसी काम की नहीं है।  

    रोजाना सात पैसेंजर ट्रेनें चलती थी

    पहले गोंदिया-बल्लारशाह 7 बजे गोंदिया और 10 बजे कटंगी-बल्लारशाह चलती थी।   साथ ही वडसा-बल्लारशाह-गोंदिया 12 बजे गोंदिया पहुंच जाती थी। चंद्रपुर-गोंदिया 3 बजे गोंदिया जाती थी और गोंदिया-चंद्रपुर 5 बजे गोंदिया से निकलती थी। गोंदिया-वडसा  शाम 7 बजे गोंदिया से  छुटती थी,इस प्रकार अनेकों ट्रेने इस मार्ग पर चलती थी, जिससे ग्रामीण के यात्रियों को काफी सुविधा होती थी।  इस तरह रोजाना सात पैसेंजर ट्रेनें आती-जाती रहती थीं। लेकिन अब पूर्व विदर्भ के गोंदिया, चंद्रपुर, गडचिरोली इन जिलों में 300 किमी दूरी के लिए एक ही पेसैंजर चल रही है जो इन तीनों जिलें के व्यापारी व जनता पर एक प्रकार से अन्याय है।  

    नहीं है किसी का ध्यान 

    महाराष्ट्र से लगकर मध्यप्रदेश जाने गोंदिया से गोंदिया, कंटगी, बालाघाट, नैनपुर  पैसेंजर ट्रेनें पहले की तरह चल रही हैं लेकिन पूर्वी विदर्भ के तीन जिलों में पेसैंजन ट्रेनों को पूर्ववत शुरू करने की दिशा में कुछ नहीं कर रहे है। जिससे  क्षेत्र के सांसद व  कई विधायक सो रहे हैं क्या ? ऐसा सवाल नागरिकों द्वारा किया जा रहा है।

    रेलवे सल्लाहगार समिति का भी नागरिकों की समस्या पर ध्यान नहीं है, यह समिति कागदों पर व रेलवे बोर्डा में केवल नाममात्र ही है। ऐसा भी लोगों का आरोप है। रेल राज्य मंत्री भले ही महाराष्ट्र से हैं, लेकिन समझा जाता है कि वह इस रेलवे समस्या और तीनों जिलों की अनदेखी कर रहे हैं। तत्काल पेसैंजन ट्रेनों को पूर्ववत संचालित करने की मांग की जा रही है।