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    गोंदिया. जिला मार्केटिंग फेडरेशन के धान खरीदी केंद्रों पर 7 जुलाई को एक घंटे में 4 लाख 49 हजार क्विंटल धान खरीदी की गई थी. इस दौरान किसानों की बजाए व्यापारियों से धान की खरीदी की गई. इसकी जांच करने के लिए शासन ने 3 समिति बनाई थी. इस जांच समिति के अहवाल के बाद कार्रवाई का अहवाल का जिला स्तरीय समन्वय समिति के समक्ष रखकर दो दिनों के बाद कार्रवाई की शुरूआत की जाएगी. जिले में खरीफ और रबी मौसम में जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल के तहत गारंटी भाव पर धान खरीदी की जाती है.

    इस बार रबी में धान खरीदी के दौरान शासन ने सीमा निर्धारित कर दी थी. यह सीमा दो बार बढ़ाकर दी गई थी. इसी में तीसरी बार 4 लाख 92 हजार क्विंटल धान खरीदी की सीमा जिला मार्केटिंग फेडरेशन को बढ़ाकर दी गई लेकिन सालेकसा, गोंदिया, सड़क अर्जुनी व आमगांव तहसील के 45 से अधिक धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की जगह व्यापारियों का धान खरीदी करने का खुलासा हुआ था. जिसमें 7 जुलाई को एक ही दिन एक घंटे में 4 लाख 49 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई. एक ही दिन में इतनी बड़ी धान खरीदी होना संभव नहीं है.

    जिससे इस पर जनप्रतिनिधियों व किसानों ने आपत्ती उठाकर इस प्रकरण की जांच करने की मांग की थी. इस प्रकरण में भारी हो हल्ला मचने के बाद खाद्यान व आपूर्ति विभाग के सचिव, विभागीय आयुक्त, जिलाधीश ने जांच करने के लिए जांच समिति की नियुक्ति की थी. इन तीन समितियों ने पिछले महिने जांच कर उसका अहवाल शासन के समक्ष प्रस्तुत किया था. 15 दिन इन तीनों अहवाल के परीक्षण कर अंतिम निष्कर्ष निकाला गया. इस अहवाल से अब धान खरीदी केंद्र निहाय कार्रवाई के पत्र तैयार किए गए है. इन पत्रों का गठ‍्ठा 17 अगस्त को जिला मार्केटिंग फेडरेशन कार्यालय पहुंच गया है. इन लिफाफों को जिला समन्वय समिति के समक्ष खोलकर कार्रवाई की शुरूआत की जाएगी. 

    हर एक केंद्र का स्वतंत्र अहवाल

     जिला मार्केटिंग फेडरेशन के तहत 107 शासकीय धान खरीदी केंद्र के माध्यम से खरीफ और रबी मौसम में धान खरीदी की जाती है. रबी के धान खरीदी के दौरान अधिकांश धान खरीदी केंद्रों पर हेराफेरी हुई थी. इन सभी 107 केंद्रों का स्वतंत्र जांच अहवाल तैयार किया गया है. हर एक केंद्र का चार से पांच पृष्ठ का जांच अहवाल है. जिसमें हर एक धान खरीदी केंद्र के घोटाले की कुंडली है. इसके आधार पर धान खरीदी केंद्रों पर कार्रवाई की जाएगी. 

    समन्वय समिति के निर्णय पर नजर 

    जिले में रबी मौसम में धान खरीदी के दौरान घोटाला करने वाली धान खरीदी संस्थाओं के खिलाफ कौन सी कार्रवाई करनी है. इसका निर्णय जिला स्तरीय समन्वय समिति करेगी. जिससे इस समिति के निर्णय पर जिवालासियों की नजरें लगी है.