ग्रामीण अस्पताल को लगा समस्याओं का ग्रहण, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी नॉट रिचेबल

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    देवरी. देवरी में भारी लागत से बन रहा ग्रामीण अस्पताल अनेक समस्याओं से जूझ रहा है.  ग्रामीण अस्पताल निर्माण कार्य उद‍्घाटन क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के हस्ते बड़े जोरशोर से किया गया था. इसे लगभग एक वर्ष पूरा हो गया. देवरी ग्रामीण अस्पताल शहर में स्थित है. यहां नेशनल हाईवे क्र. 53 है. तहसील में 44 ग्राम आते हैं. लेकिन अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. विशेष बात यह है कि अस्पताल में एंबुलेंस  की कमी अनेक वर्षों से है. यहां केवल एक ही एंबुलेंस है. 

    पिछले अनेक महीनों से  ग्रामीण अस्पताल में मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाती. जिससे मरीजों को निजी वाहन से अस्पताल ले जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. कुछ दिन पहले देवरी के पंचशील चौक में एक घटना हुई. इसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था.

    अस्पताल में डाक्टरों ने उस पर प्राथमिक उपचार किया. लेकिन गंभीर रूप से घायल होने से उसे जिला अस्पताल में रेफर किया गया. लगातार 108 पर कॉल करने के बाद भी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. डेढ घंटे बाद एक एंबुलेंस ग्रामीण अस्पताल पहुंची लेकिन गंभीर रूप से घायल व्यक्ति ने जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.  ग्रामीण अस्पताल निर्माण पर करोड़ों रु खर्च किए जा रहे है लेकिन यहां  एंबुलेंस नहीं होने से  नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. 

    जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आनन-फानन में भवन का उद‍्घाटन किया लेकिन नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है. इस अस्पताल में जल्द से जल्द समुचित सुविधाओं के साथ ही नई एंम्बुलेंस उपलब्ध कराने की मांग   की जा रही है.  

    यहां मरीजों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. रात बे रात यहां पहुंचने वाले मरीजों को रेफर टू गोंदिया कर दिया जाता है. वहीं एक ही एंबुलेंस होने से घंटों इंतजार करना पड़ता है. या निजी वाहन की व्यवस्था कर जिला अस्पताल जाना पडता है. समय पर एंबुलेंस की सेवा नहीं मिलने से मरीज को कुछ हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ऐसा सवाल नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. 

    कृउबास सभापति रमेश ताराम ने कहा कि   देवरी ग्रामीण अस्पताल में पिछले अनेक  माह से एंबुलेंस नहीं है.  NH-53 देवरी शहर से होकर गुजरता है, जिससे अनेक दुर्घटनाएं होती रहती है. बरसात का मौसम है, वहीं ग्रामीण इलाकों से रोगियों को  ग्रामीण अस्पताल में लाने के लिए साधन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है. संबंधित विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए. 

    सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल कटरे ने कहा कि देवरी में 8 सितंबर की शाम 6.30 बजे हत्या की घटना हुई. घायलों को एंबुलेंस से  जिला अस्पताल पहुंचने में करीब एक से डेढ घंटे तक इंतजार करना पड़ा. गंभीर विषय है कि जिस एंबुलेंस में उसे ले जाना था उसे धक्का माकर शुरू करना पडा और घायल की जिला अस्पताल पहुंचने से पहले की  मौत हो गई. 

    जिप शिक्षक चेतन उके ने कहा कि  8 सितंबर को चिचगड रोड पर अब्दुलटोला के पास एक युवक का दोपहिया वाहन पेड़ से टकरा गया. जिसमें युवक गंभीर रुप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाने  के लिए 108 पर फोन लगाने पर कहा गया कि  एंबुलेंस को एक घंटा समय लगेगा. आखिरकार पुलिस की मदद से घायल को  ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया.