File Photo
File Photo

    Loading

    गोंदिया. रबी मौसम की धान खरीदी के दौरान जिला मार्केटिंग फेडरेशन अंतर्गत धान खरीदी संस्थाओं में घोटाला हुआ. इसमें कुछ संस्थाओं ने किसानों के नाम पर व्यापारियों के धान की खरीदी की थी. इस पर हो हल्ला होने के बाद अब शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर धान की बिक्री करने वाले किसानों के बैंक खातों पर चुकारों का भुगतान करने के पूर्व धान खरीदी करने वाली संस्थाओं द्वारा खरीदी की प्रक्रिया यह पारदर्शक रूप से पूर्ण करने गारंटी पत्र भर कर लिया जा रहा है. यह शपथ पत्र संस्थाओं ने देने के बाद ही किसानों के बैंक खातों पर चुकारे की रकम जमा की जाएगी.

    उल्लेखनीय है कि रबी मौसम में धान खरीदी के बीच बड़ा घोटाला हो गया है. धान खरीदी करने वाली संस्थाओं ने धान खरीदी की सीमा बढ़ाकर मिलने के बाद 7 जुलाई को एक घंटे में 4 लाख 49 हजार क्विंटल धान खरीदी की गई थी. जबकि एक ही घंटे में इतनी बड़ी धान खरीदी होना संभव नहीं है. वहीं धान खरीदी करने वाली संस्थाओं ने किसानों के धान खरीदी करने की बजाए व्यापारियों से धान पूर्व ही खरीदी कर रखा व उसकी एंट्री 7 जुलाई को दिखाने का आरोप लगाया गया.

    इसके लिए गठित की गई जांच समिति ने इस तथ्य को पाया है. इसी तरह अनेक संस्थाओं ने धरम कांटे पर धान का वजन किया. वहीं कुछ ने पूर्व ही धान की खरीदी कर उसे संस्था के गोदाम में भर कर रखा था. इन सभी बातों का जांच के दौरान खुलासा हुआ है. इसी में जिला मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध थी.

    जिससे यह प्रकरण बहुत अधिक चर्चा में आने से अब मार्केटिंग फेडरेशन ने अपना पक्ष सुरक्षित करने के लिए धान खरीदी करने वाली संस्थाओं से धान खरीदी की प्रक्रिया पारदर्शक करने शपथ पत्र लिखाकर लेने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं संस्थाओं से शपथ पत्र मिलने के बाद ही किसानों के बैंक खातों पर चुकारों की रकम जमा नहीं की जाएगी. जब तक संस्था शपथ पत्र भरकर नहीं देगी तब तक किसानों को प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.

    चूक संस्थाओं की लेकिन सजा किसानों को

    जिले की कुछ धान खरीदी संस्थाओं ने रबी मौसम में धान खरीदी करते समय उसमें बड़ा घोटाला किया. किसानों के नाम पर व्यापारियों के धान की खरीदी की. जांच समिति के ध्यान में यह बात सामने आई. इसके बाद सभी संस्थाओं से शपथ पत्र लिखकर लिया जा रहा है. उन्हें शपथ पत्र देने के बाद ही किसानों के धान के चुकारे उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे. जिससे चूक संस्थाओं ने की है लेकिन इसकी सजा किसानों को मिल रही है.

    91 करोड़ का भुगतान रोका

    जिले में रबी मौसम के धान खरीदी के 11 हजार 461 किसानों के 91 करोड़ रु. के चुकारे बकाया थे. जिससे किसानों को खरीफ मौसम में परेशान होना पड़ा था. इसी में 8 दिनों के पूर्व शासन ने इसके लिए 91 करोड़ रु. की निधि उपलब्ध करा दी है. लेकिन संस्थाओं द्वारा शपथ पत्र मिले बिना चुकारों का भुगतान नहीं करने के निर्देश मार्केटिंग फेडरेशन ने दिए है. जिससे शपथ पत्र के अभाव में चुकारों का भुगतान रुक गया है.

    जांच अहवाल सचिव के टेबल पर

    जिले में रबी मौसम के हुए धान खरीदी का जांच अहवाल खाद्यान्न व नागरी आपूर्ति विभाग के सचिव के टेबल पर पड़ा है. जिससे दोषी पाए जाने वाली संस्थाओं के खिलाफ कब कार्रवाई के निर्देश देते है इस पर नजरें लगी हुई है.