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गोंदिया. कोरोना संक्रमण के चलते विवाह सम्मेलन व अन्य कार्यक्रमों के लिए कुछ नियम लागू किए गए थे जो अब भी लागू हैं. इसमें विवाह सम्मेलन के लिए वधू व वर के पालकों को उप विभागीय अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर विवाह की अनुमति लेनी पड़ रही है. जिससे विवाह सम्मेलन की खुशियों के बीच वधू व वर के पालकों को अनुमति के लिए भागदौड़ करनी पड़ रही है.

मार्च माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद इस टालने के लिए विवाह सम्मेलन में केवल वधू व वर पक्ष के क्रमश: 5 लोगों की उपस्थिति की अनुमति दी जा रही थी. किंतु अब शासन ने विवाह सम्मेलन के लिए 50 लोगों को उपस्थिति की अनुमति दी है. इसके लिए उपविभागीय कार्यालय में आवेदन कर अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है.

स्टैम्प पेपर पर वचन पत्र लिखकर देना जरूरी

आवेदन के बाद 2 दिनों में अनुमति दी जा रही है. इस प्रक्रिया में कहीं कोई माथापच्ची नहीं है, फिर भी वधू व वर के पालकों को बाकी काम छोड़कर पहले विवाह की अनुमति लेनी पड़ रही है. इस नियम को शिथिल करने की चर्चा शुरू है. विवाह सम्मेलन की अनुमति के लिए उप विभागीय अधिकारी कार्यालय या तहसील कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है.

इसमें आवेदन के साथ वधू व वर क आधार कार्ड, विवाह की पत्रिका, वधू व वर के छायाचित्र, जिस सभागृह में विवाह होगा उसकी अनुमति वाला पत्र, इसी तरह आवेदन की एक प्रति पुलिस थाने में देनी होती है. सभागृह का सैनिटाइजेशन, मास्क का उपयोग अनिवार्य है. इन विषयों पर दोनों पक्षों को ध्यान देना होता है. इतना ही नही 100 रुपये के स्टैम्प पेपर पर वचन पत्र लिखकर भी देना होता है.