सालेकसा: जिले के अंतिम छोर में दुर्गम आदिवासी बहुल सालेकसा तहसील 58 वर्ष बाद भी विकास का इंतजार कर रही है. तहसील के कई गांव अभी भी विकास से कोसों दूर हैं. क्षेत्र के सांसद, विधायक आदिवासी समुदाय और क्षेत्र के रहने वाले हैं और यहां की समस्याओं से वाकिफ हैं.
क्षेत्र के नागरिकों को उम्मीद है कि तहसील की मूलभूत समस्याएं हल हो जाएगी. तहसील के अनेक सड़कों पर स्थित नदियों और नालों पर पुल नहीं है. नतीजा यह है कि बारिश के मौसम में कई गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. सालेकसा- बोदलबोडी मार्ग पर बाघ नदी पर पुल नहीं होने से बारिश में यह मार्ग बंद हो जाता है.
इसी तरह ग्राम धानोली के पास बाघ नदी पर एक पुल बनाया गया था, लेकिन इसके दोनों तरफ सड़क ऊंची होने के कारण यातायात की समस्या बनी हुई है.
सालेकसा – नानव्हा मार्ग पर मां गड़माता का मंदिर है. निचले हिस्से में स्थित कुवाढ़ास नदी पर बने पुल की ऊंचाई कम होने के कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. यह पुल जर्जर हालत में है. किसान साहूकारों के चंगुल में फंसा यह पुल कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है. नानव्हा-घोंसी मार्ग पर पुल जर्जर है. जांभडी, वाकड़कसा पुल को भी नए से पुल बनाने की जरूरत है.
तहसील शिक्षा के क्षेत्र में भी पिछड़ी है
ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए समय पर बस सुविधा उपलब्ध नहीं है, इस वजह से कई छात्र शहर में शिक्षा के लिए नहीं जा पा रहे हैं. कई गांवों के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. उच्च शिक्षण संस्थानों का भी अभाव है. ट्रेन का स्टॉपेज कम होने से यहां के नागरिकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
तहसील के अधिकांश किसान धान की खेती के लिए बारिश पर निर्भर है. जब बारिश अधिक या कम होती है तो उन्हें अपेक्षित उत्पादन छोड़ना पड़ता है. फसलों के नुकसान के कारण आर्थिक बेवरटोला परियोजना कई वर्षों से पूरी नहीं हो पाई है. यदि नहरों का काम जल्द पूरा हो जाता है तो कई गांवों के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी.
तहसील में रोजगार के अवसर नहीं होने के कारण अधिकांश युवा रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. तहसील में बसे स्थानीय नागरिक क्षेत्र के सांसद, विधायक से यही अपेक्षा रखते हैं कि वे देश के मूल निवासी हैं. तहसील में उक्त समस्याओं का समाधान करेंगे. इस प्रकार की अनेक समस्या होने वाले जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव का विशेष मुद्दा बन सकते है.