Lumpy
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    गोंदिया. राज्य के कुछ जिलों में गायवर्गीय पशुधन में लम्पी चर्मरोग पाया गया है. जिससे  जिला प्रशासन ने जिले में एक व तहसील स्तरीय 8 त्वरीत कृति दल की स्थापना की है.  12 सितंबर से  जिला नियंत्रण कक्ष के रूप में जिलाधीश ने घोषित किया है. इसके अनुसार जिले की गौजातिय प्रजाती की सभी गाय व भैस को अन्य किसी भी स्थान पर लाने ले जाने की मनाई की गई है.

    यह जानकारी प्रभारी जिलाधीश व जिप सीईओ अनील पाटिल ने देते हुए बताया कि प्राणियों में संक्रमण रोग को प्रतिबंध व नियंत्रण अधिनियम 2009 अन्वये अधिसूचित किए रोगों में लम्पी चर्मरोग का समावेश है. इसका फैलाव बाहृय कीट द्वारा मच्छर, गौमासा, जोक तथा बीमार पशु की त्वचा से बहने वाले स्त्राव, दुध, लार, वीर्य व अन्य स्त्राव से होता है. जिससे पशु पालकों ने मच्छर, गोमासा, जोक आदि का प्रभाव नहीं होगा इसका ध्यान रखें.

    इस रोग के लक्षण मवेशियों में पाए जाने पर हर व्यक्ति गैर अशासकीय संस्था, संबंधित स्थानीय स्वराज्य संस्था आदि ने प्राणियों में संक्रमण रोग को प्रतिबंध व नियंत्रण अधिनियम अन्वय लेखी स्वरूप में निकट के पशु वैद्यकीय संस्था में तत्काल सूचना देना अनिवार्य है. इसमें लापरवाही बरतने पर प्राणियों में संक्रमण रोग को प्रतिबंध व नियंत्रण अधिनियम 2009 की धारा 32 अनुसार संबंधित निजी पशुवैधक, पशु व्यापारी, यातायात करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है.

    इसी तरह शासन निर्णय अनुसार गठित किए गए जिला स्तरीय कार्य दल को तत्काल रोग प्रभाव होने वाले क्षेत्र में भेंट देकर आवश्यक   कार्रवाई करें. इसके लिए जिले में एक व तहसील स्तर पर 8 त्वरित दलों की स्थापना की गई है. एक राज्य से दुसरे राज्य में एक जिले से दुसरे जिले में प्रभावित जानवरों को यातायात करने से प्रभावित जानवरों से निरोगी जानवरों में इस रोग का प्रभाव होने की अधिक संभावना है. उक्त रोग संक्रमण होने से इस रोग का प्रसार न हो इसके लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना तत्काल क्रियान्वित करना आवश्यक है.  जिले की सीमा दुसरे राज्यों की सीमा से लगी होने की वजह से अंतराज्यीय  सीमा नाके पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश भी पाटील ने दिए हैं.