Dilip Walse Patil
File Photo

    Loading

    मुंबई: शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके आवास सहित 16 बागी विधायकों के यहां (आवास पर) उपलब्ध कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है। साथ ही, शिंदे ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना से किया गया कार्य बताया। हालांकि, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इन आरोपों से इनकार किया है। 

    इस समय बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के नाम एक पत्र ट्वीट किया, जिस पर 16 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में विधायकों ने कहा है कि अगर उनके परिवार के लोगों को कुछ हुआ तो मुख्यमंत्री ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता उसके लिये जिम्मेदार होंगे। 

    शिंदे ने ट्वीट में कहा कि “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना के चलते ठाकरे और वलसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के 16 विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा, “इन विधायकों की सुरक्षा के लिए सरकार जिम्मेदार है।” 

    वहीं,पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने राज्य के किसी विधायक की सुरक्षा वापस लेने का कोई आदेश जारी नहीं किया।  उन्होंने कहा, “ट्विटर के जरिये लगाए गए आरोप गलत और विद्वेषपूर्ण हैं।” पत्र में विधायकों ने मांग की है कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए। विधायकों ने कहा, “इस कदम का उद्देश्य हमारे संकल्प को तोड़ना और राकांपा तथा कांग्रेस के गुंडों वाली एमवीए सरकार के समक्ष हमें झुकाना है। एमवीए सरकार के कई नेता अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं ताकि हमें धमकाया जा सके।” 

    पत्र में कहा गया, “(शिवसेना नेता) संजय राउत ने हमें धमकी दी है कि वह राज्य में लौटने वाले विधायकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे। इन बयानों का असर यह हुआ कि सुरक्षा वापस लिए जाने के कुछ घंटों बाद ही हमारे दो सदस्यों के कार्यालयों पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया।” 

    विधायकों ने कहा कि पंजाब में भी वहां की सरकार ने कुछ उच्च पदों वाले लोगों की सुरक्षा हटाई थी जिसकी वजह से वे गैंगस्टर के निशाने पर आ गए। पत्र में कहा गया, “यदि हमारे परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचा तो मुख्यमंत्री, महा विकास आघाड़ी के नेता, जैसे शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे इसके लिए जिम्मेदार होंगे।” विधायकों ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों और उनके आवास को प्रोटोकॉल के तहत मिली सुरक्षा अवैध रूप से और प्रतिशोध की भावना से हटाई गई है।