जलगांव : कवयित्री बहिनाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय (North Maharashtra University) में प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों (Universities) के कुलपतियों के साथ संचालन समिति की बैठक की। नई शिक्षा की राज्य संचालन समिति के अध्यक्ष ने कहा और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. नितिन करमलकर (Former Vice Chancellor Dr. Nitin Karmalkar) ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को राज्य में लागू करने के संबंध में सभी शैक्षणिक इकाइयों में सकारात्मकता है और इस नीति के माध्यम से नई पीढ़ी के भविष्य को संवारने की प्रक्रिया होगी। इस अवसर पर कवयित्री बहिनाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. वी. एल. माहेश्वरी, प्राचार्य अनिल राव उपस्थित थे। 28 को केवल संचालन समिति की बैठक होगी और आज हुई चर्चा के बाद योजना तय की जाएगी।
इस मौके पर बोलते हुए डॉ. करमलकर ने कहा कि चार साल के डिग्री कोर्स को तैयार करने के बाद काम का बोझ थोड़ा बढ़ जाएगा। लेकिन अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए तो इस कार्यभार के बढ़ने की कोई संभावना नहीं है।सभी विश्वविद्यालय संकायों को छात्र-केंद्रित पाठ्यक्रम तैयार करने होंगे। चर्चाओं में अकादमिक कैलेंडर विषयों की समानता और चार साल के अध्ययन क्रम पर जोर दिया जा रहा है। डिग्री कोर्स को डिजाइन करते समय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के बारे में भी विचार प्रक्रिया शुरू करनी होगी। क्योंकि अब नई नीति के कारण कॉलेजों को विश्वविद्यालयों से अलग किया जाएगा, विश्वविद्यालयों को एकीकृत डिग्री पाठ्यक्रमों पर विचार करना होगा।
डॉ. करमलकर ने कहा कि इस बात पर मंथन करने की आवश्यकता है कि क्या राज्य के सभी गैर-कृषि विश्वविद्यालयों में उपलब्ध सर्वोत्तम पाठ्यक्रम सभी को एक साथ उपलब्ध कराये जा सकते हैं। चांसलर वी. एल. माहेश्वरी ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में संचालन समिति की बैठक कर साख हस्तांतरण, शैक्षणिक कलैण्डर में एकरूपता, पाठ्यक्रमों की संरचना की जानकारी ली।
इन लोगों की थी उपस्थिति
उन्होंने कहा कि यह नीति सभी महाविद्यालयों जैसे स्वशासी महाविद्यालयों, एक विभागीय महाविद्यालय, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के महाविद्यालयों, बहुविषयक महाविद्यालयों पर विचार कर और उन महाविद्यालयों में कार्यभार की गणना कर क्रियान्वित की जानी है। प्रस्तावना में कहा गया है कि यह बैठक उसी के अनुसार आयोजित की जा रही है। 11 विश्वविद्यालयों ने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर प्रस्तुति दी जिसमें मुंबई विश्वविद्यालय, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, कबचौ विश्वविद्यालय, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर, पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर सोलापुर विश्वविद्यालय, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय नांदेड़, राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय और गोंडवाना विश्वविद्यालय गढ़चिरौली आदि उपस्थित थे।
28 को केवल संचालन समिति की बैठक
इस सुकाणू समिती में स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विद्यापीठ नांदेड के प्र-कुलगुरू डॉ. जोगेंद्रसिंग बिसेन, मुंबई विद्यापीठा के माजी प्र-कुलगुरू प्रा.आर. डी. कुलकर्णी, नासिक येथील उद्योजक महेश दाबके, अमरावती येथील डॉ. प्रशांत मगर, मुंबई विद्यापीठा के प्रभारी प्र-कुलगुरू डॉ. अजय भामरे, मुंबई के डॉ. माधव वेलिंग, जलगांव विभागा के सहसंचालक डॉ. संतोष चव्हाण उपस्थित थे। 28 को केवल संचालन समिति की बैठक होगी और आज हुई चर्चा के बाद योजना तय की जाएगी।