जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर पद के लिए अगली सुनवाई 9 जनवरी के बाद

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    जलगांव : जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर (Jalgaon Municipal Commissioner) पद के लिए सुनवाई (Hearing) अब नौ जनवरी तक के लिए टाल दी गई है। न्यायाधीश (Judge) के अवकाश पर होने के कारण इस मुद्दे पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर का पद देवीदास पवार को दिया गया है, जबकि स्थानांतरित कमिश्नर डॉ. विद्या गायकवाड (Commissioner Dr. Vidya Gaikwad) की जगह ‘एमएटी’ ने टाल दी थी, उन्हें अधिकार दिए बिना देवीदास पवार (Devidas Pawar) को कमिश्नर का अधिकार दे दिया गया है। 

    पवार जलगांव महानगरपालिका के कमिश्नर का कामकाज तो देख रहे हैं, पर उन्हें नीतिगत फैसले करने का अधिकार नहीं है। जनता के बीच जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर का कामकाज देख रहे देवीदास पवार की छवि भले ही बहुत अच्छी हो पर उन्हें किसी भी कार्य के बाद हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है। महानगरपालिका कमिश्नर तो काम बड़ी तेजी से कर रहे हैं लेकिन उन्हें कुछ शर्तें का पालन भी करना पड़ रहा है। 

    जलगांव की जनता चाहती है कि शहर का विकास कार्यों में किसी भी तरह रुकावट न आए। कमिश्नर पद को लेकर पहले भी सुनवाई की तीन तारीखें आ चुकी हैं। जलगांव के लोगों को उम्मीद थी कि इस मामले पर 5 जनवरी को फैसला हो जाएगा, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण 5 जनवरी को सुनवाई नहीं हो पाई। सुनवाई की अगली तिथि 9 जनवरी के बाद कभी भी तय की जा सकती है। जलगांव वासियों का कहना है कि सुनवाई के लिए जो भी अगली तिथि घोषित की जाएगी, उस दिन जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर के बारे में अंतिम फैसला हो जाएगा। 

    बताया जाता है कि जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर की विधिवत नियुक्ति न किए से कई कार्य बाधित हुए हैं। नागरिक मांग कर रहे हैं कि महानगरपालिका कमिश्नर के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाए और जलगांव महानगरपालिका के बाधित पड़े कार्यों सुचारू रुप से हो सकें। जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर पद पर पहले से कार्यरत डॉ. विद्या गायकवाड को पूरा भरोसा है कि उन्हें जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर का पद बहाल कर दिया जाएगा, जबकि वर्तमान में जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर का काम देख रहे देवीदास पवार का कहना है कि जब तक ऊपर से कोई आदेश नहीं आ जाता है, तब तक मैं अपना काम जारी रखूंगा।  

    इस मामले में अगली कोई तारीख सामने नहीं आएगी

    कुछ लोगों का दावा है कि 9 जनवरी के बाद जो भी तारीख सुनवाई के लिए तय की जाएगी, वह अंतिम तारीख होगी, उस सुनवाई के बाद इस मामले में अगली कोई तारीख सामने नहीं आएगी। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर की कुर्सी किसके पास रहेगी, डॉ. विद्या गायकवाड के पास या फिर देवीदास पवार के पास। जलगांववासी कह रहे हैं कि महानगरपालिका कमिश्नर पद को लेकर मचे घमासान का जल्दी हल किया जाए ताकि जलगांव के विकास की प्रक्रिया फिर से पहले की तरह शुरू हो जाए।