बेमौसम वर्षा से रबी की फसल प्रभावित, जिले में औसत बारिश 2.7 मिमी दर्ज

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    जलगांव : जिले में दो दिन से छाए बादल (Cloud) से रबी सीजन (Rabi Season) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मिले-जुले मौसम में ठंड (Cold) की मात्रा कम हुई है और मंगलवार शाम को जिले के अधिकांश तालुकों, खासकर पचोरा तालुका में छिटपुट से तेज बारिश (Rain) हुई। इससे किसानों को चिंता का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि गेहूँ, चना, ज्वार, रबी प्याज के पौधों पर रसचूसने वाले कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है|

    पिछले दो-तीन वर्षों से संतोषजनक और औसत से अधिक भारी बारिश ने जिले में नदी नालों और कुओं में जल स्तर बढ़ा दिया है। इस साल खरीपा के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने रबी की जोरदार तैयारी की है। हालांकि जिले में पिछले तीन-चार दिनों से छाए बादल छाए रहने से रबी सीजन पर खतरा मंडरा ने लगा है। बादल छाए रहने से ठंडक लगभग गायब हो गई है। इसके अलावा मंगलवार शाम के आसपास छिटपुट से मध्यम बेमौसम बारिश हुई। इससे गेहूँ, चना, ज्वार, रबी प्याज आदि फसलों में रस चूसक कीट रोग के प्रकोप की सम्भावना रहती है। 

    जिले में रबी की 64 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है और मक्का, ज्वार, हरबरा, प्याज और गेहूँ की खेती में वृद्धि हुई है, जबकि तेल सूरजमुखी, मूंगफली और अन्य के रकबे में कमी आई है। किस्मों कृषि विभाग ने सूचित किया की किसानों ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल मजबूत मानसून के कारण ठंड की मात्रा अधिक होगी। लेकिन, पिछले दो-तीन दिनों से ठंड की मात्रा में कमी आई है। 

    उत्पादन में कमी संभव है

    मौसम के मिजाज से गेहूँ की फसल पर रोग कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। मावा, टुटूडे और गेहूँ का अर्क कम होता है। ऐसे में उत्पादन में गिरावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। – सुरेश पाटिल, किसान, शिरसोली। 

    छिटपुट मध्यम वर्षा

    कृषि विभाग ने कहा है कि जिले के जलगांव (नशीराबाद), पाचोरा, पारोला, जामनेर, भडगांव और अन्य तहसिल क्षेत्रों में छिटपुट से मध्यम रूप में लगभग 2.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 

    जिले में रबी किस्मों की खेती

    • ज्वार – 29 हजार 860 हेक्टेयर (76 प्रतिशत)
    • गेहूँ – 24 हजार 258 हेक्टेयर (40 प्रतिशत)
    • मक्का – 48 हजार 859 हेक्टेयर, (71 प्रतिशत)
    • हरबरा – 50332 हेक्टेयर (71 प्रतिशत)
    • रबी कांडा – 1130 हेक्टेयर (5 प्रतिशत)
    • सूरजमुखी और अन्य 1245 हेक्टेयर (19 प्रतिशत)