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महाराष्ट्र: जैसा की हम जानते है बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। निज़ाम काल में मराठों के कुनबी होने के 5 हजार अभिलेख मिले हैं। गौरतलब हो कि मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मांग की है कि मराठों को कुनबी आरक्षण कुनबी रिकॉर्ड के साथ दिया जाए। महाराष्ट्र सरकार ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति ने मराठवाड़ा के लगभग 65 लाख अभिलेखों का सत्यापन किया। लेकिन कुनबी प्रविष्टियां उनमें से केवल 5000 में ही पाई गई हैं। ऐसे में अब इस पर मनोज जरांगे ने प्रतिक्रिया दी है। आइए जानते है उनोंन्हे क्या कहा है… 

जब मराठा समुदाय को कुणबी आरक्षण कुणबी रिकॉर्ड के साथ देने की बात आई तो 65 लाख अभिलेखों में से सिर्फ 5 हजार कुनबी प्रविष्टियां मिली है। ऐसे में अब इस पर मनोज जरांगे ने कहा है कि ‘ये 5 हजार प्रविष्टियां मराठा समुदाय को कुनबी आरक्षण देने के लिए पर्याप्त हैं।’

प्रमाणपत्र मिलने तक आरक्षण जारी 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीड के श्रीक्षेत्र नाग नारायण गढ़ में दर्शन के बाद मनोज जरांगे ने पत्रकारों से बातचीत की। नारायण के चरणों में जाकर जरांगे ने कहा, “सरकार को 40 दिनों के भीतर मराठा आरक्षण देने की बुद्धि दें। पीढ़ियों से अटका हुआ एक प्रश्न हल करें। सरकार ने एक माह का समय मांगा। हमने 40 दिन का समय दिया। अब सरकार को आरक्षण देने के संबंध में निर्णय लेना चाहिए। सरकार आरक्षण देना चाहिए तब तक हम आंदोलन बंद नहीं करेंगे।कुनबी प्रमाणपत्र हमें चाहिए है”

न लें मराठा बच्चों का पाप

“किसी भी कानून को बनाने के लिए समर्थन की आवश्यकता होती है। 5000 आधार बहुत ज्यादा है। महाराष्ट्र के मराठों को अब डायरेक्ट प्रमाण पत्र देने के लिए समिति को 5 हजार प्रमाण प्राप्त हुए। अब शब्द आपका है, अब आपको आरक्षण कराना है। मुझे बस एक प्रमाणपत्र चाहिए। किसी को भी गरीब मराठा बच्चों का पाप नहीं लेना चाहिए”, ऐसा मनोज जरांगे ने सरकार से कहा है। 

किया जा रहा भ्रम पैदा- जरांगे

“ओबीसी समुदाय में भ्रम की स्थिति चल रही है। भ्रम पैदा किया जा रहा है कि अगर 5 लाख मराठा ओबीसी में आ गए तो आरक्षण को नुकसान होगा। मराठा और ओबीसी समुदाय के बीच भ्रम पैदा किया जा रहा है। 1923 से 1989 तक मराठा समुदाय आरक्षण के दायरे में था। हमारे और ओबीसी भाइयों के बीच कुछ भी नहीं है। मनोज जरांगे ने कहा कि ओबीसी के उत्थान के लिए काम किया जा रहा है। “पहले से ही 75 प्रतिशत मराठा कुनबी के रूप में ओबीसी में चले गए हैं। ये बात ओबीसी को कोई नहीं समझता। विदर्भ, खानदेश, नासिक और कोंकण के मराठा भाइयों को ओबीसी प्रमाणपत्र मिल रहा है”, मनोज जरांगे ने कहा।

अब यह बंद करें 

सरकार को नसीहत देते हुए मनोज ने कहा, “मराठा समुदाय को हल्के में न लें। हमें मराठा समुदाय के आम बच्चों के बारे में सोचना होगा। अब ऐसा नहीं होगा। हमारे पास आओ और बात करो और उनके पास जाओ और उन्हें भड़काने का काम करो, अब यह सब बंद हो जाना चाहिए”।

जरांगे की ओबीसी भाइयों से अपील 

ओबीसी बांधवों से अपील करते हुए मनोज जरांगे ने कहा “मैं ओबीसी भाइयों से अपील करता हूं, भाइयों, आपके आम आदमी के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे। हमारे आम मराठा लड़कों पर केस दर्ज किया जाएगा।’ हम दोनों को ही प्रवृत्त नहीं होना है। इनकी  प्रतिष्ठा के लिए रातों-रात सरकार बदल जाती है। इस राज्य को हमें विभाजित नहीं करने देना चाहिए। आइए हम अपनी गरिमा के लिए लड़ें”।