नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra) में NCP के अजित पवार गुट (Ajit Pawar) के शामिल होने के बाद अब राजनीतिक हलचल तेज है। वहीं इन बदलाव के बीच आज यानी शुक्रवार को मुंबई में बीजेपी (BJP) के विधायक दल की बैठक होने को है। इस अहम बैठक में सभी विधायकों और विधान पार्षदों को शामिल होने को भी कहा गया है।
ऐसी भी खबर है कि, जल्द ही महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। इसके बाद आगामी मानसून सत्र भी होना है। इसमें पार्टी की क्या रणनीति होनी चाहिए, इसको लेकर बैठक में चर्चा की जाएगी।
जानकारी दें कि, बीते बुधवार को CM एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के विधायकों की भी बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद शिंदे ने कहा था कि, अजित पवार के आने से सरकार और मजबूत हो गई है। अब गठबंधन में विधायकों की संख्या 200 से अधिक हो गई है। इसलिए अब सरकार और मजबूती के साथ काम करेगी।
वहीं कैबिनेट विस्तार के दौरान अब BJP और शिवसेना के उन नेताओं पर भी विचार करना होगा जो खुद को संभावितों की दौड़ में देख रहे थे। उधर अजित पवार गुट की NCP के सरकार में शामिल होने पर उनकी आस धूमिल होती दिख रही है। खबर थी कि शिवसेना के कुछ विधायक पवार को सरकार में शामिल करने से नाराज भी हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी शिंदे को भी जाहिर की गयी है।
क्या शिंदे गुट के विधायक हैं नाखुश
मालूम हो कि, NCP के साथ गठबंधन को लेकर शिंदे गुट के विधायक खुश नहीं हैं। इन विधायकों का कहना था कि, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे कभी भी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं जुड़ते। दरअसल NCP-कांग्रेस के साथ शिवसेना के जुड़ने के नाराज होकर ही एकनाथ शिंदे ने बड़ी बगावत की थी।
इस गहन मामले पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे) नेता संजय शिरसाट (Sanjay Shirsat) ने साफ़ कहा था कि, “राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और BJP ने यही किया। अब NCP के हमारे साथ आने के बाद, हमारे समूह के लोग नाराज हैं क्योंकि उनमें से कुछ हमारे नेताओं को उनका वांछित पद अब नहीं मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा था कि, “यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता NCP के हमारे साथ आने से खुश हैं। हमने CM और डिप्टी CM को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा… हम तो हमेशा से NCP के खिलाफ थे और आज भी हैं हम शरद पवार के खिलाफ हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को CM के रूप में उनका इस्तेमाल किया था। जब उद्धव मुख्यमंत्री थे तो शरद पवार सरकार चलाते थे… एकनाथ शिंदे ही अब कार्रवाई का फैसला करेंगे।”
हालांकि तब शिंदे ने यह कहा था कि उद्धव ठाकरे अपने पिता की विचारधारा से भटक गए हैं। शिंदे ने खुद को बाल ठाकरे का असली उत्तराधिकारी बताते हुए शिवसेना पर दावा ठोका था। इसे लेकर उद्धव ठाकरे गुट भी अब एकनाथ शिंदे को टारगेट कर रहा है।