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देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली/मुंबई: आज महाराष्ट्र (Maharashtra) में BJP, शिवसेना (Shiv Sena) और शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी को तोड़कर भले ही सत्तापर काबिज है. लेकिन वहीं इन सबके बीच से आ रही खबर के मुताबिक कहीं न कहीं जमीनी स्तर पर इन दलों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी गठबंधन को हजम नहीं कर पा रहे हैं। इधर कल्याण के पुलिस थाने में हुई फायरिंग के बाद अब तीनों दलों के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच इस तरह घटनाएं और भी जगहों पर सामने आने का अनुमान है। 

खबर यह भी है कि, जमीनी स्तर पर काम करने वाले बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं ने अब इस सत्ता सुख के गठबंधन से खुद की दूरी बना ली है। ऐसे में BJP इसका खामियाजा आने वाली लोकसभा चुनाव में भुगत सकतीहै।

गौरतलब है की, उद्धव की शिवसेना को तोड़कर बाद में BJP और एकनाथ शिंदे ने साथ मिल्कत सरकार बना ली। तो वहीं शरद पवार की NCP को तोड़कर अजित पवार को सत्ता में ले लिया। अन इन तीनों दलों के उच्च नेताओं ने सत्ता सुख के लिए भले ही गले मिल गए हों, लेकिन आम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को यह बिलकुल भी रास नहीं आ रहा है।

BJP बनाम शिंदे सेना का पुराना विवाद 

दरअसल उल्हासनगर की घटना को बीजेपी के कार्यकर्ता बस ‘झांकी’ बता रहे हैं, असल में यहां पूरी पिक्चर ही अभी बाकी है। उल्हासनगर के हिल लाइन्स पुलिस स्टेशन में घटी घटना की पृष्ठभूमि ऐसे ही अचानक नहीं बन जाती। दरअसल शिंदे-BJP सरकार बनने के बाद से शिंदे की शिवसेना और BJP के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच एक तनाव का मूल था और यह दोनों दल के नेता एक दुसरे को ‘देख लेने’ की धमकी दे रहे थे। 

हालांकि युवा नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे ने कई बार इस मामले में बीच-बचाव किया, लेकिन आख़िरकार BJP के विधायक ने पुलिस स्टेशन के अंदर ही पुलिस के सामने बैठे सांसद पुत्र के करीबी पर गोली दाग दी। वहीं शिवसेना नेता महेश गायकवाड को गोली मारने वाले BJPविधायक गणपत गायकवाड ने इस पूरी घटना के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दोषी ठहराया है। 

NCP के खिलाफ खुद BJP ने खोला मोर्चा

तस्वीर का दूसरा पहलु देखें तो रायगड जिले में BJP के आम कार्यकर्ताओं ने अजित पवार की NCP के सांसद सुनील तटकरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल तटकरे को फिर से लोकसभा का टिकट देने का यह लोग विरोध कर रहे हैं। ऐसे ही पुणे और पश्चिम महाराष्ट्र के कई जिलों में अजित पवार की पार्टी के सांसदों और विधायकों के प्रतिनिधित्व वाले मतदान क्षेत्र में BJP का कार्यकर्ता विरोध कर रहा है। 

वहीँ कोकण के कई जिलों में पहले से ही शिंदे सेना बनाम BJP चल ही रहा है। मराठवाडा और उत्तर महाराष्ट्र में भी BJP के आम कार्यकर्ता मौके के टाक में बैठे हैं। दरअसल यह लोग वह शिंदे या फिर अजित पवार की पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ खुद को मिला नहीं पा रहे हैं। ऐसे में अब भली ही बंद जुबान से बीजेपी के आम कार्यकर्ता इस गठबंधन का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मंत्रालय में बैठे अपने आला मंत्रियों और नेताओं के सामने साफ़ बोलने के लिए तैयार नहीं। लेकिन वे इतना जरूर कहते हैं कि अगले चुनाव में इन्हें बता दिया जाएगा, कि महाराष्ट्र की सत्ता किसके पास रहेगी।