नवभारत न्यूज नेटवर्क: महायुति सरकार में खटास लगातार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को डिप्टी सीएम अजीत पवार के कैबिनेट मीटिंग में भाग नहीं लेने से उनकी नाराजगी की खबरे ने काफी सुर्खियां बटोरी. दावा ऐसा भी किया गया कि अजीत ने मंत्रालय में रहते हुए भी कैबिनेट की बैठक में भाग नहीं लिया. दरअसल पिछले कई दिनों से सीएम एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के बीच मनमुटाव की खबरें आ रही हैं.
एक ओर जहां सीएम अजीत द्वारा प्रशासनिक मीटिंग लिए जाने से नाराज़ हैं वहीं महायुति सरकार में महाविकास आघाड़ी की तरह आजादी न मिलने से अजीत परेशान हैं. डिप्टी सीएम पर लगाम लगाने के लिए सीएम शिंदे ने निर्देश दिया है कि अब अजीत द्वारा स्वीकृत फाइल की पहले डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस जांच करेंगे. उसके बाद ही फाइल सीएम के टेबल पर जाएगी. इस वजह से भी छोटे पवार नाराज़ हैं.
पालक मंत्री समेत कई मुद्दों को लेकर विवाद
डिप्टी सीएम अजीत पवार अभी तक उनके गुट के मंत्रियों को पालक मंत्री की जिम्मेदारी न दिए जाने के अलावा अन्य कई मुद्दों को लेकर भी बौखलाए हुए हैं. अजीत अपने लिए पुणे के पालक मंत्री पद की डिमांड कर रहे हैं जबकि वे अपने साथी मंत्री के लिए भी उनकी पसंद के मुताबिक पालक मंत्री का पद दिलवाना चाहते हैं. इसमें रायगढ़ जिले के पालक मंत्री के लिए अदिति तटकरे का नाम आगे चल रहा है. दूसरी ओर शिंदे गुट के भरत गोगावले खुद रायगढ़ का पालक मंत्री पद अपने पास रखना चाहते हैं. वहीं पुणे में बीजेपी के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.