महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की राजनीती में आए दिन कई तरह के अलग-अलग बड़े खुलासे होते है। ऐसे में हम सब जानते अजित पवार पिछले कई दिनों से बीजेपी के संपर्क में थे। आखिरकार शरद पवार के इस्तीफे के बाद इस चर्चा पर से पर्दा उठ गया। लेकिन क्या वाकई अजित पवार बीजेपी के संपर्क में थे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अब बड़ा खुलासा किया है। इसमें भाजपा की कोई साजिश नहीं थी। अजीत पवार और मैं पिछले चार महीनों से संपर्क में नहीं हैं। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि वह हमारे किसी नेता के संपर्क में नहीं थे।
बावनकुले ने क्या कहा?
बावनकुले ने कहा, महाविकास अघाड़ी के निशाने पर थे अजित पवार। अजित पवार पिछले चार महीने से मेरे संपर्क में नहीं थे। वह हमारे किसी अन्य नेता के संपर्क में नहीं थे। एनसीपी में पिछले तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ, वह सब स्क्रिप्टेड था। रैयत शिक्षण संस्था के अध्यक्ष बनने के लिए शरद पवार साहब ने संविधान में बदलाव किया।
महाराष्ट्र में कई शैक्षणिक और सहकारी समितियां हैं जिनके संविधान में शरद पवार के अध्यक्ष बनने के साथ बदलाव किया गया है। ऐसे में शरद पवार किसी और को पार्टी का अध्यक्ष कैसे बनने देंगे। चंद्रशेखर बावनकुले ने एनसीपी के तीन दिवसीय घटना को नौटंकी और घरेलू तमाशा बताया।
कर्नाटक चुनाव पर प्रतिक्रिया
इसी बीच उन्होंने इस बार कर्नाटक चुनाव पर भी टिप्पणी की है। बीजेपी को कर्नाटक में निर्वाचित होने के लिए किसी की जरूरत नहीं है। अगर हम मोदी के नेतृत्व में कर्नाटक जीतते हैं, तो भाजपा सरकार आएगी। बीजेपी कमल के सामने समझौता नहीं करती। बावनकुले ने कहा है कि मराठी भाषा और मराठी लोगों को न्याय दिलाने में हमारी भूमिका बनी हुई है, लेकिन पार्टी और पार्टी के नेता हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।