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मनोज जरांगे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( डिज़ाइन फोटो)

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मुंबई: दिन-ब-दिन मराठा नेता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है। जैसा की हम सब जानते है मनोज जरांगे पाटिल ने जालना के अंतरावली सराटी गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया है, उनकी मांग है कि मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को तुरंत लागू किया जाना चाहिए, साथ ही कानून पारित करने के लिए एक तत्काल सत्र आयोजित किया जाना चाहिए। 

जानकारी हो कि जरांगे 10 फरवरी से उपवास कर रहे हैं और उन्होंने भोजन और पानी त्याग दिया है  बता दें कि आज उनके अनशन का सातवां दिन है। लगातार 7 दिनों से अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ती जा रही है। इसलिए मराठा समुदाय आक्रामक हो गया है और सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) शुक्रवार सुबह 9 बजे सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की है। 

 

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द ही रक्त सम्बन्धियों अध्यादेश को लागू करने के लिए एक सत्र की घोषणा कर सकते हैं। फिलहाल सरकार ने सम्मेलन की तारीख 22 फरवरी तय की है। हालांकि, मनोज जरांगे के आंदोलन और मराठा समुदाय के गुस्से को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 22 फरवरी से पहले विशेष सत्र की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय के बारे में सटीक रिपोर्ट की जानकारी दे सकता है। 

Maratha community Reservation
CM एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे

दूसरी ओर, हालांकि मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन सातवें दिन भी जारी रखा, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने इलाज कराना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि गुरुवार को सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात की और उनसे चर्चा की। इसके बाद आज दोपहर 1 बजे जरांगे सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू है।