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मनोज जरांगे पाटिल

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औरंगाबाद (महाराष्ट्र). मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के इस सप्ताहांत से आंदोलन तेज करने की चेतावनी दिए जाने के बाद पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत करने के लिए शुक्रवार शाम को मुंबई रवाना हुआ। पिछले 11 दिनों से जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि अगर शनिवार शाम तक कोई समाधान नहीं निकला तो वह तरल पदार्थ भी लेना बंद कर देंगे।

जरांगे महाराष्ट्र सरकार से ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देते समय वंशावली का प्रावधान हटाने की मांग कर रहे हैं।

शिवसेना के नेता अर्जुन खोतकर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता अर्जुन खोतकर, संभागीय आयुक्त मधुकर राजियरदाद, अंतरवाली सरती गांव के सरपंच और दो आरक्षण कार्यकर्ता शामिल हैं। ये सभी शाम को औरंगाबाद हवाई अड्डे से मुंबई रवाना हुए।

उन्होंने कहा कि वे देर रात शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दिन में जरांगे ने कहा कि समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए आंदोलन जारी रखना चाहिए लेकिन यह कानून के दायरे में रहते हुए करना चाहिए, पत्थरबाजी करके नहीं।

राज्य ने बृहस्पतिवार को एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया जिसमें कहा गया कि कुनबी जाति प्रमाणपत्र केवल तभी जारी किए जाएंगे जब मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय के सदस्य निजाम शासनकाल का वंशावली रिकॉर्ड उपलब्ध कराएंगे। यह क्षेत्र कभी तत्कालीन निजाम शासित हैदराबाद राज्य का हिस्सा था।

कुनबी, कृषि-संबंधी व्यवसायों से जुड़ा एक समुदाय है, जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ प्राप्त है। (एजेंसी)