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मनोज जरांगे पाटिल

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महाराष्ट्र: बीते कुछ दिनों से मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र में जोरों पर है। हर जगह इस विषय पर चर्चा हो रही है। ऐसे में अब हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण का सरकारी फैसला जारी कर दिया है। जी हां शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर ने सरकार के फैसले का पत्र मनोज जरांगे पाटिल को दिया, लेकिन उन्होंने इसमें बदलाव का सुझाव दिया है। आइए जानते है आखिर उन्होंने किन मुद्दों पर बदलाव करने का सुझाव दिया है और इस भूख हड़ताल के पीछे कौन है… 

GR पर मनोज जरांगे पाटिल ने कहा… 

ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि उन्होंने यानी मनोज जरांगे पाटिल ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि जीआर में बदलाव होने के बाद ही वह अपनी भूख हड़ताल खत्म करेंगे। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या इस GR में बदलाव होंगे या नहीं। 

जीआर आने के बाद भी भूख हड़ताल जारी क्यों? 

दरअसल मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि ये कल का जीआर है। इसमें सुधार हैं, सामान्य तौर पर मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। यह भी निर्णय लिया गया कि जीआर में बदलाव के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जायेगा। इस बारे में आगे अर्जुन खोतकर ने कहा कि जरांगे को चर्चा के लिए मुंबई आना चाहिए और इतना ही नहीं बल्कि इसके लिए जरूरत पड़ी तो हम हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था करेंगे। इस पर मनोज जरांगे ने कहा, ‘अगर आप ये तीन शब्द बदल देंगे तो हम हेलीकॉप्टर से फूल बरसाएंगे।’

जानें सरकारी फैसले में सरकार ने क्या कहा है.. 

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि मराठा समुदाय के जिन व्यक्तियों ने मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा जाति का जाति प्रमाण पत्र मांगा है, यदि उनकी वंशावली निज़ाम राजस्व रिकॉर्ड में “कुनबी” के रूप में उल्लेखित है और शैक्षिक रिकॉर्ड और उनके द्वारा प्रस्तुत अन्य सहायक रिकॉर्ड में है ऐसे में सरकार ऐसे व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की कड़ी जांच के बाद उन्हें मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा जाति का जाति प्रमाण पत्र देने की मंजूरी दे रही है।

इसी प्रकार मराठवाड़ा में मराठा समुदाय को मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा जाति का जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया में आवश्यक अनिवार्य साक्ष्यों की वैधानिक एवं प्रशासनिक जांच करने तथा मराठा-कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया निर्धारित करने के संबंध में , परीक्षण के बाद पात्र व्यक्तियों को कुनबी-मराठा जाति दी जाती है। न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में निम्नलिखित समिति गठित करने के लिए सरकार की मंजूरी दी गई है। 

कौन है इस भूख हड़ताल के पीछे? 

पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस संबंध में GR आने के बाद भी मनोज जरांगे पाटिल इस भूख हड़ताल पर डटे हुए है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि क्या यह 2024 के चुनाव को देखते हुए विपक्ष की ये कोई चाल है? क्या CM शिंदे की कुर्सी हिलाने के लिए रचा गया यह एक षड्यंत्र है। क्या इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है?