Anil Deshmukh
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    मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को यहां स्थित एक विशेष अदालत ने सोमवार को मुंबई स्थित एक निजी अस्पताल में ‘कोरोनरी एंजियोग्राफी’ कराने की अनुमति दे दी। देशमुख को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख (71) को पिछले साल नवंबर में धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन हाल ही में उन्हें मुंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। हालांकि, केंद्रीय जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता रहे देशमुख भ्रष्टाचार से जुड़े एक अन्य मामले में भी आरोपी हैं, जिसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है। देशमुख ने भ्रष्टाचार के मामले में भी जमानत याचिका दायर की है और विशेष अदालत ने सीबीआई को 14 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। देशमुख के अधिवक्ता अनिकेत निकम और इंदरपाल सिंह ने विशेष अदालत से मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल में उनकी एंजियोग्राफी कराने की मांग की थी। 

    ‘कोरोनरी एंजियोग्राफी’ या एंजियोग्रेाफी के तहत एक्स-रे के जरिये व्यक्ति के दिल की रक्त वाहिकाओं को देखा जाता है। यह जांच यह देखने के लिए की जाती है कि व्यक्ति के हृदय में रक्त पहुंचने में कोई बाधा आ रही है या नहीं।  दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने देशमुख की याचिका मंजूर कर ली।

    विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने अर्थर रोड जेल (जहां देशमुख बंद हैं) के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह उन्हें एंजीयोग्राफी जांच और जरूरी हो तो आगे के इलाज के लिए जसलोक अस्पताल में भर्ती करायें, जिसका खर्च देशमुख खुद वहन करेंगे। अदालत ने अस्पताल में भर्ती होने के दौरान देशमुख की पत्नी और बेटी को उनके साथ मौजूद रहने की अनुमति दे दी।  मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के वसूली के आरोप से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था।(एजेंसी)