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मुंबई: महानगर के अधिकृत फेरीवालों की सूची मुंबई महानगरपालिका को ओर से जारी कर दी गई है। हालांकि इसमें 32 हजार 407 फेरीवालों को पात्र माना गया है, जबकि 96 हजार 37 फेरीवालों को अपात्र ठहरा दिया गया है। इससे फेरीवालों में हलचल मच गई है। मुंबई मनपा की अधिकृत वेबसाइट पर फेरीवालों के नाम की विभागवार सूची जारी कर दी गई है। सूची के बारे में संबंधित विभागीय वरिष्ठ निरीक्षक के पास 14 जुलाई 2023 तक लिखित शिकायत या सुझाव दर्ज कराने का मौका फेरीवालों को दिया गया है। फेरीवाला नीति पर अमल के लिए वर्ष 2014 में 1 लाख 28 हजार 444 फेरीवालों का सर्वेक्षण किया गया था। पात्र फेरीवालों को फेरीवाला जोन में जगह देने का निर्णय है। अब मुंबई मनपा ने केवल 32 हजार 407 अधिकृत फेरीवालों की सूची जारी की है। यानी  96 हजार 37 फेरीवाले अपात्र हो गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि 32 हजार 407 में से 10 हजार फेरीवाले पहले से लाइसेंसधारी हैं, मतलब 22 हजार 407 को पात्र माना गया है। मुंबई मनपा प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडर एक्सचेंज) अधिनियम 2014, महाराष्ट्र स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग विनियमन) नियम 2016 के प्रावधानों के साथ उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नगर पथ विक्रेता समिति में पथ विक्रेता प्रतिनिधि सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया से होगा।

सूची मुंबई मनपा की वेबसाइट https://portal.mcgm.gov.in पर जारी

इसलिए सरकार के निर्देशानुसार पथ विक्रेता होने का पूर्ण प्रमाण विभागवार 32 हजार 407 मतदाताओं की प्राथमिक सूची तैयार की गई है। यह सूची मुंबई मनपा की वेबसाइट https://portal.mcgm.gov.in पर जारी की गई है। यदि इस सूची के संबंध में कोई आपत्तियां या सुझाव हैं तो विभागीय कार्यालयों में संबंधित विभागीय वरिष्ठ निरीक्षक (संदर्भ निर्मूलन) को 14 जुलाई 2023 तक लिखित रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इस दृष्टिकोण के तहत सरकार के निर्देशानुसार, स्ट्रीट वेंडर होने की सिद्धता पूरा करनेवाले 32 हजार 407 समिति के वोटरों की विभागवार सूची तैयार की गई है। यह प्रक्रिया अनुज्ञप्ति विभाग के अधीक्षक द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। सर्वेक्षण में सत्यापन पूर्ण करने वाले फेरीवालों की प्राथमिक मतदाता सूची तैयार की गई है।  मुंबई मनपा की वेबसाइट https://portal.mcgm.gov.in  पर यह सूची 15 जून को जारी की गई।  14 जुलाई 2023 तक इस वेेेबसाइट पर यह सूची उपलब्ध रहेगी। 

तीन वर्ष से लटकी थी प्रक्रिया 

 पिछले तीन साल में टाउन वेंडिंग कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई, जिससे यह सूची और उसके बाद की प्रक्रिया रुकी हुई थी। टाउन वेडिंग कमेटी में फेरीवालों के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए मनपा द्वारा नामों की सूची तय होने के बावजूद बैठक नहीं होने से सूची के साथ आगे की प्रक्रिया ठप पड़ी रही। एक माह पूर्व हुई नगर विवाह समिति की बैठक में एक फेरीवाला प्रतिनिधियों की सूची का अनुमोदन किया गया। मनपा आयुक्त की उपस्थिति में यह बैठक हुई। इस बैठक में आठ में से सात संगठन शामिल थे। मिलनेवाले सुझाव और आपत्तियां पर विचार करके सूची चुनाव के लिए श्रम आयुक्त को भेजा जाएगा।

कहां चुनावी हथकंडा तो नहीं 

आजाद हाकर्स यूनियन के संस्थापक व अध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने सूची पर आपत्तियां जताई हैं। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से गलत प्रक्रिया अपनाई गई है। लाखों फेरीवालों को नजरअंदाज कर दिया गया है। हम वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। हो सकता है मनपा चुनाव के मद्देनजर यह हथकंडा अपनाया गया हो, चुनाव की तारीख घोषित होते ही इसमें स्थगन लाने की प्रक्रिया अपनाई जाए। जगह को लेकर भी संदेह है, जिस स्थान पर फेरीवालों को बसाया जाएगा, वहां ग्राहकों का अभाव होगा। जिस जगह से फेरीवालों को हटाया जाएगा, उस जगह पर दूसरे कब्जा कर लें। सब कुछ मिलीभगत चल रही है।