Abhishek Ghosalkar and Mauris

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Abhishek-Mauris Conflict: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शिवसेना यूबीटी के नेता अभिषेक घोसालकर (Abhishek Ghosalkar) की हत्या मॉरिस नोरोन्हा (Mauris Noronha) नाम के शख्स ने गोली मारकर कर दी है। 8 फरवरी को अभिषेक घोसालकर मॉरिस के साथ फेसबुक लाइव पर बातचीत करते हुए आखिरी बार नजर आए। इसी बातचीत के दौरान मॉरिस ने उन पर गोलियां चलाई (Mauris Shot Abhishek ) और बाद में खुद पर गोलियां चला कर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार को निशाने पर ले लिया है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से सवाल पूछा जा रहा है कि जब मुंबई में जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है, तो ऐसे में राज्य के इस गुंडाराज पर सरकार और पुलिस का क्या एक्शन है। खबर है कि अभिषेक और मॉरिस के बीच विवाद चल रहा था, लेकिन बीते दिनों इन दोनों ने विवाद को खत्म कर एक साथ आने का फैसला किया था। मॉरिस के बुलावे पर अभिषेक घोसालकर उनके ऑफिस फेसबुक लाइव के लिए पहुंचे थे। 
 
विपक्ष पूछ रहा सरकार से सवाल 
अभिषेक घोसालकर मुंबई के दहिसर इलाके में नगरसेवक रह चुके हैं। वहीं उनके पिता विनोद घोसालकर काफी समय तक नगरसेवक रहे और इसके अलावा वह विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में घोसालकर परिवार की पकड़ दहिसर और बोरीवली इलाके में मजबूत है और यह शिवसेना यूबीटी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। अभिषेक घोसालकर की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। शिवसैनिक नाराज नजर आ रहे हैं, इतना ही नहीं विपक्ष ने भी पुलिस प्रशासन और राज्य में सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार को घेरा है। अभिषेक घोसालकर की पत्नी तेजस्विनी घोसालकर बीएमसी के वार्ड क्रमांक एक की नगरसेविका हैं। इससे पहले इस वार्ड के नगर से अभिषेक थे। 
 
मॉरिस नोरोन्हा लॉस एंजेलिस में रहता था। वह कोविड महामारी के कुछ साल पहले ही लॉस एंजेलिस से वापस मुंबई आ गया था। मॉरिस बोरीवली के आईसी कॉलोनी में अपने घर में रहता था। खुद को पोकर खिलाड़ी बताने वाला मॉरिस कोरोना के दौरान हजारों गरीबों को राशन किट और जरूरी सामान देकर मदद की थी। मुंबई के बोरीवली में मॉरिस भाई के नाम से मशहूर नोरोन्हा ने सोशल मीडिया पर खुद को एक पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता, एक कोविड वॉरियर और एक परोपकारी व्यक्ति के रूप में छवि पेश किया था। गरीबों में उसकी छवि अच्छी बन गई थी। 
 
मॉरिस के आपराधिक रिकॉर्ड (Mauris Criminal Record)
मॉरिस पर 48 वर्षीय महिला को ब्लैकमेल करना, बलात्कार, धोखाधड़ी और धमकी देने का आरोप था। चौंकाने वाली बात ये है कि ये आरोप 2014 के थे, लेकिन शिकायत 2022 में दर्ज की गई थी। मॉरिस को शक था कि अभिषेक घोसालकर ने ही उसके खिलाफ केस करवाया था, इसलिए वो नाराज था। मॉरिस नगरसेवक का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। वहीं अभिषेक घोसालकर नही चाहते थे कि वो उनके वार्ड से चुनाव लड़े, इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा था। स्थानीय लोगों का यह कहना है कि उनके बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी।  कुछ दिन पहले ही मॉरिस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। मॉरिस सक्रिय राजनीति में उतरना चाहता था और वह चुनाव लड़ने की फिराक में था जिसके लिए उसने अभिषेक घोसालकर के साथ चल रहे अपने विवाद को खत्म कर दिया था। कुछ दिन पहले ही दहिसर में मॉरिस और अभिषेक को घोषाल करके पोस्टर भी लगे थे और इस पोस्टर में यह दोनों एक साथ नजर आ रहे हैं। 

फेसबुक लाइव में दोनों ने की लोगों से बात 
जानकारी के मुताबिक मॉरिस ने अभिषेक के साथ अपने विवाद को खत्म कर दिया था और लोगों से संवाद करने के लिए अभिषेक घोसालकर को मॉरिस ने अपने ऑफिस में बुलाया और दोनों फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे की तारीफ की और बताया कि यह आपसी मतभेद को भूलाकर लोगों के हित में काम करना चाहते हैं। अभिषेक घोषाल कर और मॉरिस दोनों ने बताया कि यह आगे आने वाले वक्त में लोगों के लिए क्या कुछ करने वाले हैं। जिसमें नासिक के लिए बस सुविधा उपलब्ध कराना, राशन और साड़ी बांटने जैसे काम के बारे में इन्होंने बातचीत की। बातचीत के दौरान मॉरिस और अभिषेक दोनों लोगों को चौंकाने वाली बात भी कर रहे थे। उन्होंने यह कहा कि हम दोनों को एक साथ देखकर लोग सरप्राइज होंगे। लेकिन किसे पता था कि यह फेसबुक लाइव खत्म होने से पहले लोगों को बड़ा सरप्राइज मिल जाएगा। जब दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी तो मॉरिस ने अभिषेक कर पर गोली आखिर क्यों चलाई। ये सवाल लोगों के जेहन में बना हुआ है। मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने इस मामले के लिए दो टीम गठित की है और यह टीम मामले की जांच कर रही है।