नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: राजस्थान सरकार को मौलाना के हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार कर मामले की जांच एसआईटी (SIT) से करानी चाहिए, इससे हत्या के कारणों का पर्दाफाश हो सकेगा और आरोपी की कड़ी से कड़ी सजा दी जा सकेगी, किसी भी धर्म गुरु की हत्या एक संगीन जुर्म है। उपरोक्त विचार आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मोइन मियां ने मुंबई की मस्जिदों के इमामों की बिलाल मस्जिद में आयोजित बैठक में व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा कि मौलाना माहिर की हत्या न केवल उनके परिवार के लिए दुखद है, बल्कि मुस्लिम उम्माह के लिए भी बहुत दुखद है। इसकी उचित जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने मांग की है कि मौलाना के वारिसों को दस लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाए। वहीं सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अल जिलानी ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि मौलाना के हत्यारों को सजा दी जाए। हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और मृतक इमाम के परिजन को मुआवजे के तौर पर सम्मानजनक रकम दी जाए।
रजा एकेडमी के संस्थापक और प्रमुख कायदे मिल्लत अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा कि जिस तरह से उपद्रवियों ने मस्जिद में घुसकर मौलाना माहिर की हत्या की है, यह भी अफसोसजनक है कि हत्यारों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे मस्जिद में घुस गए। इमाम मस्जिदों को निशाना बना रहे हैं। नूरी ने कहा कि राजस्थान सरकार को तुरंत जांच करानी चाहिए, ताकि मृतक के परिजनों को न्याय मिल सके, नियमित एसआईटी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व राज्य और देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। हम ऐसी किसी भी घटना की कड़ी निंदा करते हैं।
सईद नूरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अजमेर शरीफ शहर में इस तरह की घटना से पता चलता है कि अपराधियों ने योजनाबद्ध तरीके से यह काम किया है और फिर उन्हें लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला है, उन्होंने मौलाना माहिर की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की, बैठक में मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने भी संबोधित किया और हत्या की निंदा की। हजरत मौलाना मोहम्मद अब्बास रिजवी ने भी हत्या की जांच कराने की मांग की।