residend doctor Strike

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    मुंबई: महाराष्ट्र में लगभग 6,000 रेजिडेंट डॉक्टर (Resident Doctor) हॉस्टल सुविधाओं और एक साल से अधिक समय से लंबित कोविड बकाया के भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर चले गए हैं। इससे अस्पतालों में भर्ती मरीज (Patients) परेशान हो गए और अस्पतालों के बाहर नंबर की प्रतीक्षा में परेशान हैं। मुंबई सहित राज्य भर में हजारों वैकल्पिक सर्जरी रुक गई हैं। पहले दिन अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। हड़ताल पर जाने के कारण सिर्फ सीनियर डॉक्टर्स ही उनका प्रबंधन कर रहे हैं।

    बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर के बीएमसी संचालित नायर, सायन, कूपर, केईएम आदि अस्पतालों में 50 प्रतिशत सर्जरी रद्द की गई है। मरीजों के पैरेंट्स घबराहट में इधर-उधर भटकते देखे गए। वैसे कुछ डॉक्टर मानवता के चलते अस्पतालों में मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि मांगें नहीं मानीं तो हम लोग भी अपनी सेवाएं ठप कर देंगे और हड़ताल में शामिल हो जाएंगे, ये जो भी आपातकालीन सेवाएं हम दे रहे हैं, वह सिर्फ मरीजों की क्रिटिकल पोजीशन को देखते हुए ऐसा कर रहे हैं।

    सायन अस्पताल में 230 डॉक्टर हड़ताल पर

    अधिकारी ने बताया कि सायन अस्पाताल में 926 में से 230 डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अधिकारी के अनुसार, 50 प्रतिशत सर्जरी कैंसिल की गई है। फिर भी हॉस्पिटल की आपातकालीन सेवाएं चल रही हैं।

    हड़ताल अंतिम उपाय: मार्ड

    महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स की संस्था (एमएआरडी) अर्थात मार्ड ने कहा कि हॉस्टल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला। अंत में उन्हें हड़ताल का आह्वान करने के लिए मजबूर होना पड़ा। हड़ताल हमारे लिए अंतिम उपाय है। फिर भी हम आशा करते हैं कि मरीजों को पीड़ित नहीं होना चाहिए। मुंबई में नायर अस्पताल एक समर्पित कोविड अस्पताल था और तब भी कोविड मुआवजा लंबित है। रेजीडेंट डॉक्टर अक्षय यादव ने कहा कि हम लोग बेहतर छात्रावास सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया है।

    सिर्फ 300 डॉक्टरों की सुविधा

    मुंबई में सायन, केईएम, बीवाईएल नायर, आरएन कूपर और सरकारी जेजे अस्पताल के लगभग 4,000 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल में भाग ले रहे हैं। मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने कहा कि सरकार ने वर्षों से हमारी मांगों को नजरअंदाज किया है। जेजे अस्पताल में उदाहरण के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या बढ़कर 900 हो गई है, लेकिन छात्रावास की सुविधा सिर्फ 300 छात्रों की है। 1990 के दशक से यह सुविधा नहीं बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि सोमवार को हमारे सभी डॉक्टरों ने आपातकालीन कार्य किया, लेकिन यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं तो हम आपातकालीन सेवा भी ठप कर देंगे।

    नहीं भरे गए 1,432 रिक्त पद

    डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 1,432 रिक्त पदों को भरने के लिए भी कहा। यह प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित है। मार्ड ने एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों को तत्काल भरने की मांग की। इसके अलावा मार्ड ने नगरपालिका और सभी सरकारी अस्पतालों में महंगाई भत्ते और बकाया राशि को तत्काल लागू करने की भी मांग की। उन्होंने वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में असमानता को दूर करने और सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए समान वेतन लागू करने की मांग की है।